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मुस्लिम राम को अपना पूर्वज मानें : चंपत राय

मेरठ : आदित्यनाथ योगी की प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी होते ही विश्व ¨हदू परिषद ने राम म

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 01:16 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 01:16 AM (IST)
मुस्लिम राम को अपना पूर्वज मानें : चंपत राय
मुस्लिम राम को अपना पूर्वज मानें : चंपत राय

मेरठ : आदित्यनाथ योगी की प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी होते ही विश्व ¨हदू परिषद ने राम मंदिर के एजेंडे पर कदम बढ़ा दिया है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चंपत राय ने कहा कि संविधान की पहली पंक्ति में लंका विजय के बाद पुष्पक विमान में यात्रा करते हुए भगवान राम, सीता एवं लक्ष्मण का चित्र छपा है। ऐसे में अब श्रीराम के जन्मभूमि की रक्षा करना भी संवैधानिक अधिकार है। दुनिया के तमाम इस्लामी देशों का उदाहरण देते हुए भारतीय मुसलमानों से भगवान राम को अपना पूर्वज मानने की अपील की।

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रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर, डी ब्लाक शास्त्रीनगर में आयोजित रामोत्सव में मुख्य वक्ता चंपत राय ने कहा कि जन्मभूमि आंदोलन ¨हदू-मुस्लिम विवाद नहीं, बल्कि राष्ट्रीयता बनाम राष्ट्रविरोध का संघर्ष है। डा. लोहिया भगवान राम को उत्तर से दक्षिण, जबकि कृष्ण को पूरब से पश्चिम से जोड़ने वाला नायक मानते हैं। राम मर्यादित तो कृष्ण उन्मुक्त जीवन के चरम पुरुष हैं। चंपत राय ने कहा कि सोमनाथ मंदिर 1026 से इक्कीस बार तोड़ा गया, किंतु संसद ने भी इसके पुनर्निर्माण का प्रस्ताव पारित किया। औरंगजेब ने 1706 में इस मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवा दी, किंतु स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया। महात्मा गाधी ने समर्थन किया। पंडित नेहरू के मंत्रिमंडल ने मंदिर निर्माण की अनुमति दी, इसमें मौलाना आजाद भी थे। राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने 11 मई 1951 को सोमनाथ में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराया। भगवान सोमनाथ को 121 तोपों से सलामी दी गई थी।

25 दिसंबर 1947 को दिल्ली के बिरला हाउस में महात्मा गाधी ने साफ कहा था कि अगर मोहम्मद गजनी पर मुसलमान गर्व करते हैं तो यह दुर्भाग्य है। 1669 में औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ का मंदिर तोड़ा। ज्ञानवापी मस्जिद बनाई। जब मराठों के विजयी घोडे़ उत्तर भारत में दौड़ने लगे तो धर्मस्थान मुक्ति का प्रयत्‍‌न प्रारंभ हुआ। 1751 से 1759 में अवध के नवाब को अयोध्या, प्रयाग, काशी, मुक्ति की शर्त लगाकर ही मदद की गई थी। दुर्भाग्य से पानीपत की सन् 1761 की लड़ाई में हार हुई और काशी, अयोध्या उस समय मुक्त नहीं हो सके।

बाबर से क्या संबंध

चंपत राय ने कहा कि अब अफगानिस्तान में बाबर की मजार जीर्ण शीर्ण है, तो भारत में उसे इतना तवज्जो क्यों दी जा रही? बाबर को अपना शत्रु बताते वाले बबरक करमाल 1981 में अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री बने। 90 फीसद मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया के पूज्य राम हैं। वहां के प्राथमिक विद्यालयों में रामायण अनिवार्य है, पर भारत में नहीं। ईरान में रूस्तम सोहराब को राष्ट्रीय पुरुष कहा जाता है, जबकि वह पारसी थे। मिश्र का पिरामिड राष्ट्रीय प्रतीक है, जबकि यह उस समय बना जब इस्लाम नहीं था। विहिप नेता ने कहा कि भारत के मुसलमान भी दो से आठ सौ वर्ष पहले हिन्दू ही थे। कार्यक्रम के अध्यक्ष गुरुकुल प्रभात आश्रम के कुलाधिपति स्वामी विवेकानंद थे। संचालन विहिप के जिलामंत्री सौरभ शर्मा ने किया। भैया दास जी महाराज, स्वामी प्रद्युम्न महाराज, स्वामी ओमवेश, चौ. अमन सिंह, शीलकांत सिंघल, गजेन्द्र सिंह नीलकंठ, गोपाल शर्मा, अर्जुन, राठी, बलराज डूंगर, सुनील बंसल, प्रेमपाल सिंह, समेत कई अन्य मौजूद रहे।


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