पेट की एंजियोग्राफी के लिए डा. मलय सम्मानित
मेरठ : उदर रोग पर देश-दुनिया में सैकड़ों शोधपत्र पेश कर चुके डा. मलय शर्मा ने चिकित्सा जगत को इलाज की
मेरठ : उदर रोग पर देश-दुनिया में सैकड़ों शोधपत्र पेश कर चुके डा. मलय शर्मा ने चिकित्सा जगत को इलाज की नई दिशा दिखाई है। उन्होंने दिल की तर्ज पर पेट की एंजियोग्राफी करते हुए खून की नसों को खोलकर एक लड़की को जीवनदान दिया। इसके लिए डा. मलय को हाल में डब्ल्यूजीओ में सम्मानित किया गया है।
हैदराबाद में हाल में आयोजित वर्ल्ड गैस्ट्रोएंट्रोलाजी आर्गनाइजेशन की कांफ्रेंस में विश्व के तमाम उदर रोग विशेषज्ञों ने प्रजेंटेशन दिया। इसमें कोरिया के डाक्टर मून, भारत के डा. मलय शर्मा एवं कोलकाता के डा. गोयनका को बोस्टन साइंटफिक के प्रेसीडेंट आर्ट बुचर्ड ने अवार्ड दिया। डा. मलय शर्मा ने वीडियो प्रजेंटेशन के जरिए बताया कि प्रोटीन सी और एस की कमी से मरीज के पेट की नसें ब्लाक हो गई थीं। खून की सप्लाई बंद होने से आंतें गल जाती हैं। डा. मलय शर्मा ने इस जानलेवा बीमारी के इलाज की नई तकनीक पेशकर डाक्टरों का दिल जीत लिया। उन्होंने बीस वर्ष की महिला मरीज की एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड के जरिए एंजियोग्राफी कर खून की नसों को खोल दिया। इस तकनीक की डब्ल्यूजीओ ने हाथोंहाथ लेते हुए डा. मलय को पुरस्कृत भी किया। विशेषज्ञों की मानें तो पेट के इलाज में यह बड़ी खोज हो सकती है। आइएमए अध्यक्ष डा. वीरोत्तम तोमर समेत तमाम अन्य चिकित्सकों ने उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।