नक्षत्रों की गणना से समस्याओं का निराकरण संभव
जागरण संवाददाता, मेरठ : भारतीय संस्कृति वेद-पुराण और शास्त्रों का दर्पण है। ज्योतिष पंच तत्वों के अध
जागरण संवाददाता, मेरठ : भारतीय संस्कृति वेद-पुराण और शास्त्रों का दर्पण है। ज्योतिष पंच तत्वों के अध्ययन पर आधारित है। इनके आधार पर वास्तु एवं नक्षत्रों की गणना को एकाकार करके जीवन में आने वाली विसंगतियों व विपदाओं को दूर करने के साथ ही निराकरण भी किया जा सकता है। रविवार को द अध्ययन स्कूल में ज्योतिर्विदों के महासंगम का सम्मान समारोह के साथ समापन हो गया।
रविवार को दूसरे दिन छुट्टी का दिन होने के कारण भारी संख्या में लोग जुटे। जिज्ञासाओं के समंदर में डूबे लोगों को समाधान मिले तो शांति व संतुष्टि के भाव चेहरे पर उभर आए। ज्योतिर्विदों ने जिज्ञासा के समंदर में समाधान की आहुति डाली। दिनभर समस्या, दुश्वारी और उपाय के लिए लोगों का तांता लगा रहा।
दूसरे चरण में रामकथा वाचक संत विजय कौशल महाराज मुख्य अतिथि रहे। उनके सान्निध्य में ज्योतिर्विदों का सम्मान किया गया। वास्तु, ज्योतिष जैसे विषयों पर सारगर्भित विचार मनीषियों ने रखे और मंथन किया। मुख्य संयोजक पं. लेखराज शर्मा ने कहा कि ऋषि-मुनियों एवं मनीषियों की गणित व भविष्यवाणियों के समक्ष अब तक नासा की टीम भी असमर्थ है। ज्योतिषियों ने वास्तु शास्त्र की महिमा का वर्णन किया। बताया गया कि यह पंच तत्व अग्नि, वायु, गगन, धरा व पवन पर आधारित है। इन्हीं के आधार पर वास्तु एवं नक्षत्रों की गणना को एकाकार करके जीवन में आने वाली विसंगतियों एवं विपदाओं को दूर किया जा सकता है।
विद्यालय के चेयरमैन रामनिवास, सचिव संजय अग्रवाल ने आयोजन का उद्देश्य बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अत्याधिक संख्या में लोग अनेक प्रकार की विपदाओं, बीमारियों व समस्याओं से त्रस्त हैं और इन सबका समाधान व निराकरण ज्योतिषाचार्याे द्वारा संभव है।
देश-विदेश की समस्याओं पर मंथन
ज्योतिषाचार्याे ने न सिर्फ प्रदेश व देश बल्कि वैश्विक समस्याओं पर भी मंथन किया। अपने शोध व ज्ञान के जरिये जागरूक भी किया। वेदों की विद्या से वर्तमान को जोड़ते हुए ज्योतिष के माध्यम से गणितीय व वैज्ञानिक पहलुओं पर भी चर्चा की गयी।
ज्योतिष हर किसी के जीवन से जुड़ा
पीटीएस के एडीजी आलोक शर्मा ने भी सम्मेलन में शिरकत की। उन्होंने कहा कि हम सभी के जीवन में ज्योतिष का महत्व है। इसे भुलाया नहीं जा सकता। जन्म के साथ ही मरण, सबकुछ ज्योतिष से सीधा संबंध रखता है। उन्होंने कहा कि भ्रम की स्थिति में लोग इधर-उधर भागते हैं, जबकि इस तरह के आयोजनों से दिक्कतें दूर होती हैं और लोगों का भरोसा बढ़ता है।
अल्पज्ञानी बिगाड़ते हैं हालात
ज्योतिर्विद केपी मुदगिल ने कहा कि अल्पज्ञानी महाप्रलयंकारी होता है। बिल्कुल भी समझ न होना, कम या अधूरी समझ होने से अच्छा है। ज्योतिष के पेशे में मामूली जानकारी रखने वाले भी भविष्यवाणी कर चर्चाओं में आना चाहते हैं, जो गलत है।
रूस से आईं गंगापुरी और यमुना
सम्मेलन में रूस से भी ज्योतिषविद गंगापुरी पहुंचीं। उनके साथ उनकी शिष्या यमुना भी रहीं। दोनों ने महासम्मेलन में शिरकत कर ज्योतिष को जाना। यमुना ने कहा कि ज्योतिष एक विज्ञान है। जरूरत है इसे गहनता से समझने की। मोगा, पंजाब से आए पं. अक्षय कुमार शर्मा ने उनके ज्योतिष से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए और हाथ भी देखा।
ज्योतिष सम्मेलन में चढ़ा सियासी पारा
ज्योतिष सम्मेलन में रविवार को सियासी पारा पूरे उफान पर रहा। सियासी दलों से जुड़े लोगों के साथ व्यापारी व गण्यमान्य लोग भी सरकार को लेकर सवाल पूछते रहे। जबकि कई ज्योतिषाचार्याे ने अपने-अपने आंकड़े व गणनाओं के आधार पर सियासी दलों के बहुमत का ऐलान भी किया। कार्यक्रम में आकर्षण का केंद्र अष्टावक्र बाबा रहे। मूल रूप से बिहार के निवासी अष्टावक्र ने अमेरिका में ट्रंप सरकार के साथ ही पूर्व में बिहार में नीतिश कुमार को सत्ता मिलने, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही नरेंद्र मोदी के पीएम बनने की भी भविष्यवाणी की थी। रविवार को पुलिस, प्रशासनिक अफसरों के साथ ही गण्यमान्य लोगों ने उनसे मुलाकात की और सियासी रुझान जानने की कोशिश की। उनके अलावा अन्य ज्योतिष भी अपने-अपने हिसाब से भविष्यवाणी करते रहे।