कैंट की पिच पर चौथी पारी खेलेंगे सत्यप्रकाश
मेरठ: सप्ताहभर दावेदारों के सब्र की परीक्षा लेने के बाद आखिरकार रविवार को भाजपा ने पुराना कार्ड ही ख
मेरठ: सप्ताहभर दावेदारों के सब्र की परीक्षा लेने के बाद आखिरकार रविवार को भाजपा ने पुराना कार्ड ही खेला। तीन बार से विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल को पार्टी ने इस बार भी दंगल में उतारकर तमाम कयासों की हवा निकाल दी। इस टिकट पर बदलाव की चर्चाएं सालभर से चल रही थीं।
मेरठ में कैंट विधानसभा को सबसे मजबूत सीट माना जाता है। हालांकि 1989 से लगातार जीत के बावजूद भाजपा 2012 में सिर्फ 3300 वोटों से जीती। कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल की उम्र का हवाला देकर तमाम पदाधिकारी बदलाव के पक्ष में थे। 16 जनवरी को पहली सूची जारी हुई तो कैंट समेत तमाम सीटों को होल्ड कर दिया गया। वेस्ट यूपी की पांच सीटों में चार में परिवारवाद का दबाव था, जबकि मेरठ कैंट में दावेदारों के बीच खींचतान से सीट फंसी थी। इस सीट को लेकर संगठन, संघ एवं पार्टी में जबरदस्त मतभेद था। पहली सूची में सीट को इसीलिए होल्ड किया गया, क्योंकि इस पर संघ मुकेश सिंघल, जबकि संगठन अमित अग्रवाल के पक्ष में पैरवी कर रहा था, किंतु बदली परिस्थितियों में विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल की पैरवी में राजनाथ सिंह उतर गए। सीट होल्ड होने के बाद सत्यप्रकाश का टिकट कटने की चर्चा तेज थी, जिससे अन्य दावेदारों की उम्मीदों को नए पंख मिल गए। सप्ताहभर तक दिल्ली की भागदौड़ करने वाले दावेदार गुरुवार से टीवी पर नजर गड़ाकर बैठे मिले। इधर, कैंट विधायक की भी धड़कनें तेज हो गई। माना जा रहा है कि पहली लिस्ट में मुकेश सिंघल टिकट के करीब पहुंचे थे। होल्ड होने के बाद पूर्व विधायक अमित अग्रवाल का नाम भी तकरीबन तय था। किंतु संघ ने अपनी न चलने पर पार्टी के निर्णय में लंगड़ी मार दी। सूत्रों की मानें तो संघ ने वीटो लगाकर विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल का नाम फाइनल करवा दिया। पदाधिकारियों का मानना है कि पार्टी ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टिकट नहीं दिया है। हालांकि अब प्रदेश इकाई तर्क दे रही है कि कैंट सीट पर अंदरूनी घमासान से बचने के लिए पुराने चेहरे का विकल्प पार्टी ने फिर से चुना। हालांकि विकास को लेकर तमाम क्षेत्रों में विधायक के प्रति आक्रोश भी है, किंतु उनका मिलनसार व्यवहार वोटों को साधने में सफल हो सकता है।
विधानसभा चुनाव में मेरठ कैंट से मिली वोट
वर्ष विजेता वोट उप विजेता वोट
2012 सत्यप्रकाश 70820 सुनील वाधवा 67207
2007 सत्यप्रकाश 56800 सुनील वाधवा 40621
2002 सत्यप्रकाश 55952 रमेश धींगड़ा 40517
1996 अमित अग्रवाल 73726 रमेश धींगड़ा 32680