'दुख है जायरा हमारा किरदार नहीं जी सकी'
रवि प्रकाश तिवारी, मेरठ जायरा वसीम ने हमारे शुरुआती दिनों के संघर्ष को बेहतरीन ढंग से पर्दे पर जी
रवि प्रकाश तिवारी, मेरठ
जायरा वसीम ने हमारे शुरुआती दिनों के संघर्ष को बेहतरीन ढंग से पर्दे पर जीया। रील लाइफ में जिस तरह से जायरा ने मेरे किरदार को उकेरा और आज पूरा देश उस संघर्ष गाथा को देख रहा है, वह काबिले तारीफ है, लेकिन दु:ख है कि जायरा मेरे किरदार को असल जिंदगी में नहीं जी सकी। रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय पहुंची गीता ने यह कसक जाहिर की। वे बोलीं, हमारे किरदार को जीने के बाद तो जायरा को और धाकड़ छोरी बन जाना चाहिए था, लेकिन चाहे जिन वजहों से भी उन्होंने कदम खींचे, वह आज की बहू-बेटियों के सशक्तीकरण के लिहाज से 'हानिकारक' है।
गीता और बबीता फोगाट ने दैनिक जागरण से जायरा वसीम प्रकरण पर खुलकर बात की। वे बोलीं, चाहें फेसबुक पर जायरा के पोस्ट का प्रकरण हो या फिर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के ट्वीट पर जायरा का रिएक्शन। यह हमारे किरदार से मेल नहीं खाता। उन्होंने कहा कि जाहिर है कि जायरा को ऐसा करने का दबाव रहा हो, कश्मीर की अपनी सुलगती आबोहवा का दबाव भी उनकी बातों में झलका है, लेकिन यह समझ में नहीं आता कि एक ही समाज का वह हिस्सा जायरा के अभिनय को तो स्वीकारता है, लेकिन जब उसे रोल मॉडल बनाने या मानने की बात आती है तो ऐसे हालात पैदा कर दिए जाते हैं कि एक होनहार लड़की को कदम पीछे खींचने पड़ते हैं। ओलंपियन मल्ल गीता-बबीता ने कहा कि प्रकरण के सामने आते ही हम जायरा के साथ खड़ी थीं, लेकिन 'धाकड़ छोरी' बनने की बजाय जायरा पीछे हट गई। बावजूद इसके हम भरोसा दिलाते हैं कि जिस लड़की ने हमारी कहानी को देश के सामने प्रस्तुत किया, हम हमेशा उसकी मदद के लिए खड़े होंगे। प्रतिकूल परिस्थितियां तो हमारे साथ भी थीं। हरियाणा में लड़कियों का निकर पहनना कोई सोच नहीं सकता था, लेकिन न हमने यह सबकुछ किया बल्कि अखाड़े में लड़कों से भी लड़ीं। इसलिए जरूरी है कि हमारा परिवार क्या सोचता है, वह हमारे साथ खड़ा होता है या नहीं।
अर्जुन अवार्डी अलका तोमर ने भी इस प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण कहा। उन्होंने कहा कि ऐसी सोच को बदलने की शुरुआत हमें ही करनी होगी। उन्होंने कहा कि गीता-बबीता की फिल्म ने बड़ा बदलाव लाया है। संघर्षशील बेटियों की आंखों में उम्मीद की नई रोशनी दिखती है।
बता दें कि मेरठ जिला प्रशासन द्वारा रविवार को मतदाता जागरूकता के लिहाज से दंगल प्रतियोगिता का आयोजन कैलाश प्रकाश स्टेडियम में किया गया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मल्ल गीता-बबीता फोगाट के साथ अलका तोमर भी पहुंची थीं।
फेसबुक पर ये लिखा
था जायरा वसीम ने
जायरा वसीम के एक फेसबुक पोस्ट ने देशवासियों को चौंका दिया था। 'वह लिखती है कि उसे रोल मॉडल बनाकर जो पेश किया जा रहा है, वह गलत है। वह युवाओं की रोल मॉडल नहीं हो सकती। जो वास्तविक हीरो हैं उनके बारे में युवाओं को बताया जाए, वे ही रोल मॉडल हो सकते हैं। उसने लिखा कि यह एक खुली माफी है। ..मैं उन सभी से माफी मागना चाहती हूं जिन्हें मैंने अनजाने में दुखी किया। मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं इसके पीछे उनके जच्बात समझती हूं। खासतौर से पिछले 6 महीनों में जो हुआ, उसके बाद।