स्कूलों तक नहीं पहुंची चेकिंग अभियान की आंच
मेरठ : एटा में स्कूली बस और ट्रक की भिड़ंत में 12 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद पूरे प्रदेश में स्कूली
मेरठ : एटा में स्कूली बस और ट्रक की भिड़ंत में 12 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद पूरे प्रदेश में स्कूली वाहनों की चेकिंग का तीन दिवसीय विशेष अभियान चलाने का आदेश है। लेकिन मेरठ में शुक्रवार को यह अभियान प्रभावी रूप से नहीं चलाया जा सका। शासन से मिले आदेश पर विभाग परिवहन विभाग चैतन्य तो नजर आया लेकिन जमीनी हकीकत में वही ढाक के तीन पात वाली स्थिति ही रही। विभाग ने तो कुछ वाहनों पर कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा ली लेकिन जिन स्कूल बसों को लेकर ये अभियान है उन्हीं तक इसकी आंच नहीं पहुंची है। शहर के तमाम स्कूलों में चल रहे बसों के कलपुर्जे पुराने हो चुके हें। सीधे स्कूल में पहुंचकर बसों की जांच करना तो दूर स्कूलों को इस बाबत कोई नोटिस भी नहीं थमाई गई।
कई स्कूलों की बसें हुई दुर्घटनाग्रस्त
पिछले सालों में ही देख लें तो स्कूलों के बसों की दुर्घटना में शामिल रही हैं। ऐसे में बस चालकों के आगे निकलने की होड़ में हुई घटनाओं में भी चालकों पर उचित कार्यवाही नहीं हुई। वहीं चालक अब भी स्कूलों में बसें चला रहे हैं। घटनाओं को खोजते हुए भी यदि बस चालकों की जांच की जाती तो स्कूल बसों के साथ ही चालकों की स्थिति का अंदाजा भी लगाया जा सकता है।
कब तब ठूसे जाएंगे बच्चे
स्कूल बसों के अलावा ऑटो रिक्शा व अन्य छोटे वाहनों में निर्धारित सीटों के सापेक्ष दुगने बच्चों को भर कर ले जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। बड़े ऑटो रिक्शा में जहां 8 से 10 बच्चों को बिठाने के निर्देश हैं उनमें 12 से 15 या उससे भी अधिक बच्चों को बिठाया जाता है।
थोड़ी हकीकत, बाकी फसाना
आरटीओ प्रवर्तन ने पहले दिन 19 स्कूली बसों तथा 11 अन्य छोटे वाहनों का चालान व अन्य कार्रवाई करने का दावा किया। परिवहन आयुक्त के रविंद्र नायक के आदेश के तहत शुक्रवार से स्कूली बसों तथा स्कूली बच्चों को ले जाने वाले अन्य वाहनों का तीन दिवसीय विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाना था। आरटीओ प्रवर्तन कमल गुप्ता ने बताया कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों के चलते दोनों एआरटीओ प्रवर्तन शुक्रवार को ज्यादा समय चेकिंग नहीं कर सके। यातायात पुलिस के साथ कमिश्नर आवास चौराहा तथा तेजगढ़ी चौराहा से पीवीएस मॉल के बीच में स्कूली बसों तथा अन्य वाहनों को रोककर चेकिंग की गई। जिसमें 19 बसों का चालान किया गया तथा 6 निजी मारुति वैन व 5 अन्य वाहनों को स्कूली बच्चे ले जाते हुए पकड़ा गया। कई वाहनों के चालकों के पास कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिला। जिनके पास मिला तो वह भी 5 साल पुराना नहीं था। रिफ्लेक्टर तथा फर्स्ट एड बॉक्स वाहनों में नहीं मिले। बसों की फिटनेस नहीं हुई थी। परमिट भी कई बसें नहीं दिखा सकी। आरटीओ ने बताया कि शनिवार को सख्ती के साथ अभियान चलाया जाएगा।