बिना फीस दिए स्कूल नहीं छोड़ सकेंगे बच्चे
मेरठ : पब्लिक स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को साथ मिलकर बेहतर करने के लिए शहर के पब्लिक स्कूल मालिकों
मेरठ : पब्लिक स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को साथ मिलकर बेहतर करने के लिए शहर के पब्लिक स्कूल मालिकों ने औपचारिक स्कूल ओनर्स एसोसिएशन बनाई है। होटल ब्राउरा में हुई पहली बैठक में इस बाबत तीन तीन नाम सुझाए गए हैं, जिसका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। इन नामों में 'मेरठ स्कूल फेडरेशन', 'मेरठ प्राइवेट स्कूल फेडरेशन' और 'मेरठ स्कूल प्रोमोटर एसोसिएशन' है। प्राथमिक तौर पर संगठन के पदाधिकारियों में विष्णु शरण प्रेसीडेंट, राहुल केसरवानी सचिव, संजीव चौधरी ट्रेजरार और विक्रमजीत शास्त्री संयुक्त सचिव और विशाल जैन मीडिया प्रभारी बने हैं।
कम बढ़ाई जाएगी फीस
संगठन ने यह निर्णय लिया है कि नियमित रूप से सभा आयोजित कर स्कूल अपनी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करेंगे। साथ ही सभी सदस्य प्रति वर्ष 10 हजार रुपये संगठन में वार्षिक शुल्क जमा कराएंगे। साथ ही यह निर्णय लिया गया है कि नोट बंदी के बाद परिजनों पर अधिक फीस बढ़ोत्तरी से राहत दी जाएगी। अब स्कूल 5 से 15 प्रतिशत तक फीस में बढ़ोत्तरी करेंगे जो कि पिछले साल तक 12 से 18 प्रतिशत तक की जाती थी।
चुकानी होगी स्कूलों की फीस
संगठन का मानना है कि कुछ परिजन बिना फीस जमा कराए दूसरे स्कूलों में दाखिला ले लेते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए फेडरेशन द्वारा ऐसे बच्चों की सूची तैयार की जाएगी जिसे सभी स्कूलों के साथ साझा किया जाएगा। यह सूची कॉमन व पासवर्ड युक्त होगी। एनओसी के बाद ही ऐसे बच्चों को दूसरे स्कूलों में दाखिला मिलेगा।
लगाएंगे एनसीईआरटी की किताबें
फेडरेशन ने निर्णय लिया है कि स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लगाई जाएंगे। हालांकि इसके साथ ही उच्च गुणवत्ता व उचित मूल्य वाली अन्य किताबें भी लगाई जाएंगे। यहां यह गौर करना होगा कि पिछली बैठक में सीबीएसई चेयरमैन ने स्पष्ट कर दिया था कि सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूलों में केवल एनसीईआरटी और आठवीं तक सीबीएसई द्वारा जारी किताबें ही लगाई जाएंगी। फेडरेशन ने यह भी निर्णय लिया है कि एक स्कूल में कार्यरत शिक्षक को दूसरे स्कूल में नियुक्ति लेने से पहले रिलीविंग लेटर लेना अनिवार्य होगा। इस बाबत एक कॉमन रिलीविंग लेटर तैयार किया जाएगा।