एक एजेंसी ही लेगी घर-घर से कूड़ा और करेगी निस्तारण
मेरठ : महापौर और कमिश्नर की बैठक के दौरान निर्धारित रणनीति के तहत ही अब शहर का कूड़ा निस्तारण होगा। क
मेरठ : महापौर और कमिश्नर की बैठक के दौरान निर्धारित रणनीति के तहत ही अब शहर का कूड़ा निस्तारण होगा। कूड़ा निस्तारण प्लांट को कूड़े की कमी न रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए एक ही एजेंसी को घर-घर से कूड़ा उठाने तथा उसे डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने और कूड़े के निस्तारण का कार्य दिया जाएगा। सीबरी ग्रीन एनर्जी के साथ हुए अनुबंध को निरस्त करके निगम प्रशासन ने नई योजना के तहत 800 मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारण के प्रस्ताव मांगे हैं, जिसके लिए 9 दिसंबर अंतिम तिथि रखी गई है।
सोलापुर महाराष्ट्र में बायोमीथेनाइजेशन तकनीक से कूड़े को बिना जलाए बिजली, खाद और आरडीएफ बनाने वाली एजेंसी आर्गेनिक रीसाइक्लिंग सिस्टम प्रा. लि. के महाप्रबंधक पंकज तंवर ने शुक्रवार को मेरठ पहुंचकर मेरठ में भी कूड़ा निस्तारण करने का प्रस्ताव दिया। दिन भर में उन्होंने शहर तथा डंपिंग ग्राउंड का दौरा करके मेरठ के कूड़े को देखा तथा प्लांट के लिए जमीन की उपयुक्तता का परीक्षण किया। नगर आयुक्त की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय पर आयोजित बैठक में पंकज तंवर ने बताया कि उनकी एजेंसी सोलापुर में तीन साल में बायो तकनीक से सफलतापूर्वक बिजली बना रही है। उन्होंने बताया कि उनके प्लांट में कूड़ा को जलाया नहीं जाता बल्कि बायो मीथेनाइजेशन तकनीक से बिजली, बचे मलबे से खाद तथा कूड़े से निकलने वाले प्लास्टिक और कपड़े से आरडीएफ बनाकर उसे सीमेंट उद्योग को ईंधन के रूप में उपलब्ध कराया जाता है। पूना में 500 टन प्रतिदिन क्षमता वाला प्लांट मात्र 5 एकड़ जमीन में बनाया जा रहा है। जिसका सिविल वर्क शुरू हो गया है। बताया कि 18 महीने में एजेंसी प्लांट स्थापित करके काम शुरू कर देगी। घर घर से कूड़ा उठाने का कार्य भी कंपनी कर लेगी।
उन्होंने दिनभर में पूरे शहर में घूमकर शहर के कूड़े का निरीक्षण किया। उसकी क्वालिटी को अपनी जरूरत के मुताबिक परखा। वहीं डंपिंग ग्राउंड पर उन्होंने देखा कि उपलब्ध जमीन में कूड़ा निस्तारण और बिजली प्लांट को बनाया जा सकता है या नहीं। देर रात पंकज ने बताया कि मेरठ में एजेंसी के लिए उपयुक्त कूड़ा उपलब्ध है लिहाजा एजेंसी नगर निगम को अपना प्रस्ताव देगी।
वहीं नगर आयुक्त देवेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि 9 दिसंबर तक प्रस्ताव मांगे गए हैं। जिन एजेंसियों के प्रस्ताव प्राप्त होंगे उनका परीक्षण करके जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा। बैठक में मुख्य अभियंता कुलभूषण वाष्र्णेय, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी मुइनुद्दीन, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कुंवरसैन, एक्सईएन मुइनुद्दीन तथा लेखाधिकारी मनोज त्रिपाठी शामिल रहे।
निगम की भूमि पर नहीं ले सकेंगे ऋण
इस बार प्रस्ताव में निगम प्रशासन ने अपनी पुरानी खामियों को सुधार लिया है। बिल्ट आवन आपरेट ट्रांसफर (बीओओटी) पद्धति के आधार पर 800 टन प्रति दिन म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट के प्रबंधन का प्रस्ताव निगम ने मांगा है। एमएसडब्लू रूल 2016 के अनुसार नवीनतम तकनीक का प्लांट आवश्यक है। इसके साथ ही निगम की दो शर्ते एजेंसियों को खासा परेशान करेंगी। निगम ने प्लांट स्थापना के लिए लीज रेंट पर दी जाने वाली भूमि का उपयोग बैंक ऋण लेने में न करने का प्रतिबंध लगाया है। घर घर से कूड़ा उठाने और उसे डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने के लिए निगम के यांत्रिक संसाधनों का प्रयोग भी एजेंसी नहीं कर सकेगी।