फैसला न किया तो फिर बहेगा खून
मेरठ : मैं और मेरा परिवार इस समय बर्बादी की कगार पर खड़े हैं, यदि मृतकों के परिजनों ने अदालत में फैसल
मेरठ : मैं और मेरा परिवार इस समय बर्बादी की कगार पर खड़े हैं, यदि मृतकों के परिजनों ने अदालत में फैसलानामा दाखिल नहीं किया तो रोहटा में फिर हत्याएं होंगी, जिन्हें कोई भी नहीं रोक पाएगा.. ध्यान रखना इस बार मैं किसी भी सूरत में बख्शने वाला नहीं हूं।
तेज आवाज के साथ यह ऐलान कुख्यात मोनू जाट ने रोहटा थाने से किया। चेहरे से बेखौफ दिख रहे मोनू ने बेबाकी के साथ मीडिया से वार्ता की। उसने खुलेआम मृतकों के परिजनों को फैसला न करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली।
किसी से नहीं मांगी रंगदारी
मोनू जाट ने कहा कि शीशपाल के बेटे कपिल पर मेरे 11 लाख रुपये थे। उसकी मौत होने पर पंचायत ने उसके पिता से रुपये देने को कहा था। जिसका गवाह पूरा गाव है। मैंने शीशपाल के साले सोहनवीर मलिक जो यूपी पुलिस में दारोगा है उसे भी रुपये दिलाने को कहा था, लेकिन जब तीन साल बाद भी मेरे रुपये नहीं लौटाए तो मैंने शीशपाल व उसकी पत्नी संतोष की हत्या कर दी। मेरी उनसे पहले कोई रंजिश नहीं थी। दलित सुरेश की हत्या मुखबिरी को लेकर की, जिसमें नितिन ने मेरा साथ दिया था। इसलिए टीकरी में मुझे भी उसका साथ देना पड़ा।
प्रधान को भी अंजाम भुगतने की धमकी
मोनू जाट ने कहा कि पिछले वर्ष मुझे प्रधानी का चुनाव लड़ना था, लेकिन जमानत न होने के कारण बाहर नहीं आ पाया। गांव के जंगबहादुर को समर्थन देकर प्रधान बनवाया, लेकिन आज बुरे समय में वह मुझसे कन्नी काट रहा है। इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा। प्रधानी हमेशा नहीं रहेगी, जब मुझे मौका मिलेगा तो चुनाव लड़कर देखूंगा कौन मेरे सामने आता है?
लाइसेंस बनवाने को लिखवाए फर्जी मुकदमे
मोनू ने कहा कि गांव के कुछ लोग लाइसेंस बनवाने के लिए रंगदारी के फर्जी मुकदमे पुलिस से मिलीभगत कर लिखवा रहे है। मैंने उनसे कोई रंगदारी नहीं मांगी है। मेरी उनसे कोई रंजिश नहीं है।
राहुल व शेखर भी हत्या में शामिल थे
मोनू ने बताया कि जिस दिन शीशपाल व संतोष की हत्या की, उस दिन राहुल शर्मा हत्या करने में शामिल था और शेखर शर्मा ने मुखबिरी की थी। सुरेश की हत्या में भी दोनों को शामिल होना बताया है।
कुख्यात मोनू रोहटा पुलिस रिमांड पर
रोहटा : रोहटा थाना पुलिस कुख्यात मोनू जाट को सोनीपत जेल से मंगलवार को रिमांड पर लेकर आ गई। पुलिस के मुताबिक मोनू को एक माह पहले हुए दंपती हत्याकांड व दलित के कत्ल के मामले में रिमांड पर लाया गया है। पुलिस ने मोनू से तमंचा बरामद करने का दावा किया है।
मंगलवार को रोहटा पुलिस अदालत से मोनू की 36 घंटे की कस्टडी रिमांड मंजूर कराकर थाने ले आई। इस दौरान मोनू ने दोनों हत्याकांड को अंजाम देना बेबाकी से स्वीकारा। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर जंगल से तमंचा बरामद करने का दावा किया है। दरअसल, रोहटा गांव निवासी मोनू जाट ने गत छह सिंतबर को गांव के जंगल में शीशपाल व उसकी पत्नी संतोष की गोली बरसाकर हत्या कर दी थी। उसके बाद 10 सिंतबर को मोनू ने नितिन राठी के साथ मिलकर बागपत के टीकरी गांव में रंगदारी न देने पर एक सट्टा किंग की हत्या की थी। 20 सिंतबर को रोहटा निवासी सुरेश की उसके घर में घुसकर हत्या की थी।
इसी क्रम में 24 सितंबर को मोनू व नितिन टीकरी में एक किसान की गोली मारकर के हत्या दी। हत्याओं को ताबड़तोड़ तरीके से अंजाम देने के बाद दोनों यूपी छोड़ कर हरियाणा के सोनीपत में रहने लगे थे। सोनीपत पुलिस ने मकान में छापा मारकर मोनू व नितिन को पकड़ा था। दोनों फिलहाल सोनीपत जेल में हैं।