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यश भारती पुरस्कारों में स्पो‌र्ट्स सिटी की तिकड़ी

मेरठ : प्रदेश सरकार ने यश भारती पुरस्कारों की सूची में तीन मेरठी होनहारों को शामिल किया है, जो न सिर

By Edited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 12:48 AM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 12:48 AM (IST)
यश भारती पुरस्कारों में स्पो‌र्ट्स सिटी की तिकड़ी

मेरठ : प्रदेश सरकार ने यश भारती पुरस्कारों की सूची में तीन मेरठी होनहारों को शामिल किया है, जो न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश का नाम भी अंतरराष्ट्रीय पटल पर रोशन कर चुके हैं। मेरठ के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों भुवनेश्वर कुमार एवं प्रवीण कुमार भी शामिल हैं। महिला रेसलिंग का बड़ा हब कहलाने वाले मेरठ की गार्गी यादव भी यश भारती से नवाजी जाएंगी।

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प्रवीण कुमार

30 वर्षीय प्रवीण कुमार मेरठ के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। अपनी स्विंग गेंदबाजी के लिए मशहूर पीके ने अपनी क्षमता के दम पर मेरठ की क्रिकेट का नक्शा बदल दिया। आज दर्जनों क्रिकेटर पीके के पदचिन्हों पर चलते हुए यूपी से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक स्थान बना रहे हैं। आठ नवंबर 2007 को पाकिस्तान के खिलाफ एकदिनी अंतरराष्ट्रीय मैच का आगाज किया, जबकि 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में पदार्पण किया। छह टेस्ट एवं 68 वनडे मैच खेल चुके पीके आइपीएल में गुजरात लायंस की रीढ़ हैं। पीके पिता सकत सिंह ने इस पुरस्कार को मेरठ के लिए नायाब तोहफा बताया।

भुवनेश्वर कुमार

26 वर्षीय भुवनेश्वर कुमार टीम इंडिया की गेंदबाजी की रीढ़ माने जाते हैं। पीके से प्रभावित भुवी ने 30 दिसंबर 2012 को पाक के खिलाफ एकदिनी मैचों का एतिहासिक आगाज किया था, जबकि 22 फरवरी 2013 को कंगारुओं के खिलाफ टेस्ट में कदम रखा। 15 टेस्ट एवं 27 वनडे खेल चुके भुवी क्रिकेट का अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी जीत चुके हैं। वसीम अकरम जैसे महारथी की प्रशंसा पा चुके हैं। गंगानगर निवासी एवं भामाशाह पार्क के प्रशिक्षु भुवी चोटिल होने की वजह से टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। भुवी के पिता किरनपाल सिंह ने बताया कि यह प्रदेश सरकार का बेहद सम्मानित पुरस्कार है, जिसकी सूचना मिलने के बाद पूरा परिवार गदगद है।

गार्गी यादव

रेसलर गार्गी ने विवि स्थित कुश्ती हाल में कोच जबर सिंह से कुश्ती का गुर सीखा, और 2005 में पहली बार नेशनल हुई। 60 किग्रा भार वर्ग में खेलने वाली गार्गी ने दर्जनों राष्ट्रीय एवं विवि कुश्ती प्रतियोगिताओं में जीत हासिल करने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी धमाल मचाया। 2008 में दोहा में आयोजित जूनियर एशियन कप में गार्गी ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। गढ़ रोड निवासी गार्गी अब तक टर्की, उजबेकिस्तान, फिलीपींस, एवं अंकारा में आयोजित प्रतियोगिताओं में देश का झंडा बुलंद करने वाली गार्गी को प्रदेश सरकार यश भारती से नवाजेगी। गार्गी की मां रेनू देवी एवं पिता खेमचंद यादव ने प्रदेश सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयासों से खिलाड़ियों का मनोबल कई गुना बेहतर हो जाता है।


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