मुस्लिम पर्सनल लॉ की हिमायत, केंद्र विरोधी लगे नारे
मेरठ : जुमे की नमाज से पहले शुक्रवार को शाही जामा मस्जिद में जलसा हुआ। कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने हु
मेरठ : जुमे की नमाज से पहले शुक्रवार को शाही जामा मस्जिद में जलसा हुआ। कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने हुकूमत-ए-¨हद की मजम्मत की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में किसी तरह का संशोधन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बाद में हापुड़ अड्डा स्थित इम्लियान मस्जिद पर हुई बैठक में कारी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ मुसलमानों का बुनियादी और ¨हदुस्तान की दस्तूर की धारा 25 के मुताबिक पूरा हक है। ऐसे में हुकूमत का सिविल कोड लागू करने का रवैया गलत है। इसका मुस्लिम बायकॉट करते हैं और मुकम्मल तौर पर नामंजूर करते हैं। यहां तक कहा कि हुकूमत को इस्लाम के बनाए हुए कानून की फिक्र करने के बजाय बाजार में बिकने वाली मजलूम औरतों की फिक्र करनी चाहिए। सवाल किया कि नंगे घूमने वाले बाबाओं के कपड़ों पर सरकार को ऐतराज क्यों नहीं।
उन्होंने नशीले पदार्थ की बिक्री, शराब पर रोक व शराबियों पर कार्रवाई, भू्रण हत्या, तलाक हुई औरतों पर कानून बनाने की सरकार को सलाह दी। कारी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ की ओर से जो दस्तखत मुहिम चलायी जा रही है, हम इसकी ताईद करते हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ की हिमायत के बैनर, पोस्टर लेकर केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री विरोधी नारे लगाए गए। इस दौरान हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और लोगों से फार्म भी भरवाए गए। हाजी इस्लामुद्दीन, जाहिद, शाहिद, अकरम अब्दुल्लापुरिया, हाजी अख्तर, डा. कासिम, आरिफ, कारी अफ्फान आदि मौजूद रहे।