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संतों की बदौलत जिंदा है भारतीय संस्कृति : महेंद्र पांडे

मोदीपुरम (मेरठ) : खिर्वा चौपला स्थित फाइव स्टार मंडप में भाजपा के प्रबुद्ध सम्मेलन में वक्ताओं ने कह

By Edited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 01:36 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 01:36 AM (IST)
संतों की बदौलत जिंदा है भारतीय संस्कृति : महेंद्र पांडे

मोदीपुरम (मेरठ) : खिर्वा चौपला स्थित फाइव स्टार मंडप में भाजपा के प्रबुद्ध सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि प्रबुद्ध किसी जाति और वर्ग का सूचक नहीं है, बल्कि समाज को दिशा और अगुवाई देने वाले मनीषियों को प्रबुद्ध कहा जाता है। वक्ताओं ने प्रदेश सरकार, बसपा और कांग्रेस पर भी तंज कसे। सम्मेलन में दूरदराज से आए गांवों से सैकड़ों लोगों ने भाग लिया।

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मुख्य अतिथि एवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडे तय कार्यक्रम से दो घंटे विलंब से पहुंचे। कार्यक्रम का आरंभ भारत माता और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर हुआ। डा. पांडे ने कहा कि विश्व में भारत और चीन की सभ्यता ही जीवित हैं। चीन की अपेक्षा भारत में समुद्र और स्थल मार्गो से दूसरे देशों की आवाजाही सुगम थी, इसके बावजूद अगर भारत की प्राचीन सभ्यता जीवित है तो उसमें ऋषियों-मुनियों, चाणक्य, सूर, कबीर व तुलसी जैसे मनीषियों की भूमिका है। विशिष्ट अतिथि व राज्यसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राजनीतिक दल ब्राह्माण, कायस्थ, राजपूत और पिछड़ा वर्ग जैसे सम्मेलन कर रहे हैं जो कि समाज को बांटने की साजिश है। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध किसी जाति या समुदाय का प्रतीक नहीं है। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती वर्ष में पाक अधिकृत कश्मीर में सैन्य कार्रवाई को सच्ची श्रद्धांजलि बताते हुए संयोजक विमल शर्मा की प्रशंसा की। शिवप्रताप ने कहा कि अखिलेश और शिवपाल की भिड़ंत में प्रदेश पिस गया और यह परिवार भ्रष्टाचारियों के लिए लड़ता मिला। पूर्व आइएएस एसपी ¨सह, हरिकांत अहलूवालिया, शिवकुमार राणा, मुकेश सिंघल, अरुण वशिष्ठ, मनिंदर पाल ¨सह, कुल¨वदर ¨सह, ओपी ¨सह, सतेंद्र भराला, पुरुषोत्तम प्रधान व नीरज पांचली समेत कई अन्य शामिल रहे।

फर्जी डिग्रियों पर कसेगी नकेल

केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडे ने प्रेसवार्ता में कहा कि अमेरिका के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा सबक दिया है। डा. पांडे ने कहा कि 32 केंद्रीय विद्यालयों को खोलने के लिए केंद्र सरकार धन और संसाधन उपलब्ध कराने को तैयार है, लेकिन प्रदेश सरकार जमीन नहीं उपलब्ध करा रही है। शीघ्र ही फर्जी तरीके से डिग्री हासिल करने वालों पर नकेल कसने के लिए सरकार एकेडमिक डिजिटल स्कीम शुरू करेगी, जिसमें डिग्रियों का डिजिटल बैंक तैयार किया जाएगा। गरीब तबके के बच्चों को मेधावी और साधन संपन्न बच्चों के साथ शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी एक योजना लांच होने जा रही है।


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