वीर योगेंद्र के नाम बना सैन्य परिवारों का आशियाना
जागरण संवाददाता, मेरठ : छावनी में आने वाले सैनिकों को बेहतर जीवन शैली प्रदान करने के लिए तैयार किए ज
जागरण संवाददाता, मेरठ : छावनी में आने वाले सैनिकों को बेहतर जीवन शैली प्रदान करने के लिए तैयार किए जा रहे आशियानों को भारतीय सेना के वीर सपूतों व शहीदों का नाम दिया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को सैन्य अस्पताल के निकट रैम कैंटीन के पीछे बनकर तैयार कांप्लेक्स का नाम कारगिल युद्ध में परमवीर चक्र पाने वाले18 ग्रेनेडियर्स के सिपाही योगेंद्र यादव के नाम पर 'योगेंद्र यादव एन्क्लेव' रखा गया है। मंगलवार को सब एरिया कमांडर मेजर जनरल के. मनमीत सिंह ने एन्क्लेव का उद्घाटन किया। उन्होंने इसकी चाबी चार्जिग रैम डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल एस केंपाराज को सौंपी। इस एन्क्लेव में चार्जिग रैम की यूनिटों के परिवार रहेंगे। कुल 246 फ्लैट हैं, जिनमें 46 जेसीओ व 210 अन्य रैंकों के जवानों को प्रदान किए जाएंगे।
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नाम देखकर याद रखेंगी पीढि़यां : सूबेदार योगेंद्र यादव
मेरठ : कारगिल युद्ध में टाइगर हिल पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाली भारतीय सेना के 18 ग्रेनेडियर्स के सिपाही योगेंद्र यादव (अब सूबेदार) का कहना है कि छावनी क्षेत्र में आवासीय योजनाओं के नाम शहीदों व वीरों के नाम पर रखने से लोग हमें याद रखेंगे। वर्तमान में दिल्ली में तैनात सूबेदार योगेंद्र यादव ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में कहा कि लोगों में भूलने की प्रवृत्ति अधिक होती है। ऐसे में इस तरह के नाम दिखते रहने से लोग उनके साथ घटित घटनाओं को व उन्हें भी याद रखेंगे। टाइगर हिल पर 16500 फिट की ऊंचाई पर विपरीत परिस्थितियों में दुश्मन से लड़ते हुए सूबेदार योगेंद्र यादव को 15 गोलियां लगी थीं। उनके साथ सात लोगों की टीम में मेरठ हस्तिनापुर के शहीद योगेंद्र यादव भी थे। छह लोग शहीद हो गए थे, जबकि बुलंदशहर निवासी योगेंद्र यादव बुरी तरह जख्मी हुए थे। पहाड़ी से कुछ दूर लुढ़कते हुए नीचे गिरे और फिर साथियों ने अस्पताल पहुंचाया। वे बताते हैं कि कारगिल के मंजर में सेना के सारे रैंक एक हो गए थे। हमारी एकता व जोश ने विजय दिलाई।