जिला पंचायत की रात में बुलायी बैठक, गरमाया सियासी माहौल
मेरठ : जिला पंचायत की सोमवार को देर शाम नौचंदी स्थिति कार्यालय पर बुलायी बैठक से सियासी माहौल गरमा ग
मेरठ : जिला पंचायत की सोमवार को देर शाम नौचंदी स्थिति कार्यालय पर बुलायी बैठक से सियासी माहौल गरमा गया। विपक्षियों ने जहां बैठक को अवैध करार दिया है तो वहीं बड़े षडयंत्र का भी आरोप लगाया जा रहा है। दूसरी ओर अध्यक्ष ने अपने समर्थन में 21 सदस्यों के होने का दावा किया।
जिला पंचायत की राजनीति लगातार गरमा रही है। 14 मई को बुलायी गयी बोर्ड बैठक में मारपीट के बाद से विपक्षियों ने मोर्चा खोला हुआ है। 17 सितंबर को जिला पंचायत अध्यक्ष के सरकारी आवास पर हुई बोर्ड बैठक का भाजपा, बसपा व सपा से जुड़े कुछ सदस्यों ने बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद अध्यक्ष सीमा प्रधान ने कोरम न पूरे की बात कहते हुए 24 सितंबर को फिर बैठक बुलायी। इसका भी बड़ी संख्या में सदस्यों ने बहिष्कार किया। अध्यक्ष के अलाव महज पांच जिला पंचायत सदस्य मौजूद रहे। अध्यक्ष के खिलाफ तन रही मुट्ठियों के साथ ही घटते कद व अल्पमत में आने के चलते सियासी पारा चढ़ गया।
सोमवार को देर शाम एकाएक जिला पंचायत के नौचंदी स्थित कार्यालय पर अध्यक्ष की ओर से जिला पंचायत सदस्यों की बैठक बुलायी गयी। चर्चा रही कि जिला पंचायत में कर्मियों की भर्ती को लेकर सदस्यों के किसी कागज पर दस्तखत कराए गए। वहीं खुद को बहुमत में साबित करने का भी प्रयास हुआ। देर शाम बैठक को लेकर सियासी माहौल गरमा गया। जिला पंचायत सदस्य विपक्ष कुलविंदर सिंह ने बैठक को अवैध बताया। कहा कि सदस्यों पर अध्यक्ष दबाव बना रही हैं। वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मनिंदर पाल ने कहा कि सार्वजनिक रूप से पांच सदस्य भी मौजूदा अध्यक्ष के साथ मुश्किल से खड़े हो रहे हैं। ऐसे में गोपनीय स्तर से बैठक बुलाकर समर्थन का दावा महज धोखा है। नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान ने 21 सदस्यों के समर्थन का दावा किया। बताया कि 18 सदस्य बैठक में मौजूद थे। देर शाम बैठक के सवाल कहा कि कई दिन से सदस्य समय मांग रहे थे, पति अतुल प्रधान के बाहर होने के कारण वार्ता नहीं हो पा रही थी। सोमवार को उनके आने पर बैठक की गयी।
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कमिश्नर ने बिठायी जांच
मेरठ : 17 सितंबर को हुई बोर्ड बैठक के कई जिला पंचायत सदस्यों द्वारा बहिष्कार कर कमिश्नर को ज्ञापन देने के मामले में जांच बिठा दी गयी है। कमिश्नर आलोक सिन्हा ने डीएम को पत्र भेजते हुए सदस्यों के ज्ञापन का हवाला दिया है। निर्देश दिए हैं कि मामले में जांच कर आख्या भेजें।