'गांधीजी ने भी पहचानी थी दीनदयाल की क्षमता'
मेरठ: एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय अपने परिवार की उम्मीदों से आगे निकल गए। गरीब
मेरठ: एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय अपने परिवार की उम्मीदों से आगे निकल गए। गरीब परिवार ने उनकी पढ़ाई लिखाई के बाद एक नौकरी का सपना देखा था, किंतु वह एक दर्शन और विचारधारा के प्रवर्तक बनकर उभरे। उनकी प्रतिभा को नेहरू और गांधीजी ने भी पहचाना था। उक्त बातें एनएएस कालेज स्थित मूट कोर्ट हाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर आयोजित एक कार्यक्रम में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उप राज्यपाल जगदीश मुखी ने कही।
पंडित दीन दयाल सेवा संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जगदीश मुखी ने दीप प्रज्जवलित कर लिया। सरस्वती शिशु मंदिर शास्त्रीनगर के बच्चों ने वंदेमातरम का गान किया। संस्थान की कार्यकारिणी सदस्या श्रीमती राकेश सिरोही ने काव्यपाठ किया। मुख्य अतिथि जगदीश मुखी ने पंडित दीनदयाल के जीवन के प्रेरणादायी प्रसंगों से लोगों को परिचित कराया। कहा कि उनकी क्षमता से महात्मा गांधी, डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी एवं पंडित जवाहर लाल नेहरू भी वाकिफ थे। पंडित दीनदयाल मेधावी छात्र होने के साथ ही उच्चकोटि के विचारक एवं मार्गदर्शक साबित हुए। उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान एवं उसकी उन्नति का सपना देखा, जिस पर आज दुनिया अमल करने की बात करती है। उप राज्यपाल ने पंडित दीनदयाल के व्यक्तित्व के बारे में कहा कि आज एक पार्टी नहीं, बल्कि पूरा समाज उनसे प्रेरणा लेता है। वह ऐसे विरले व्यक्तित्व हैं, जिनसे इतिहास ने सीखा। उन्होंने देश दुनिया में बढ़ते आतंकवाद एवं अन्य जन समस्याओं का निदान एकात्म मानवदर्शन में बताया। एडवोकेट ब्रह्मपाल सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि संस्थान के महामंत्री डा. ब्रजभूषण शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। आयोजन में डा. प्रदीप शुक्ल, पंकज गर्ग, सरल माधव, अनुभव गुप्ता, डा. अनिल कौशिक, डा. गौरव पाठक एवं मनमोहन अग्रवाल व अन्य का योगदान रहा। महापौर हरिकांत अहलूवालिया, विधायक रवीन्द्र भड़ाना, सत्यप्रकाश अग्रवाल, डा. अंजू वारियर समेत कई अन्य मौजूद रहे।