Move to Jagran APP

लालबत्ती धारी कर रहे नगर निगम में ठेकेदारी

मेरठ : सपा सरकार के विधायकों, मंत्रियों तथा लालबत्ती धारी अन्य लोगों की मनमानियां किसी से छिपी नहीं

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 11:14 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 11:14 AM (IST)
लालबत्ती धारी कर रहे नगर निगम में ठेकेदारी

मेरठ : सपा सरकार के विधायकों, मंत्रियों तथा लालबत्ती धारी अन्य लोगों की मनमानियां किसी से छिपी नहीं हैं। अब नया मामला मेरठ के लालबत्ती धारी व योजना आयोग के सदस्य आकिल मुर्तजा का सामने आया है। वह दो साल से नगर निगम में ठेकेदारी कर रहे हैं। उनका ही प्रभाव है कि हाल ही में लॉटरी में उनकी कंपनी के नाम निर्माण कार्यो के 18 ठेके आवंटित हुए हैं। अब सवाल यह उठता है कि इस कंपनी ने यदि कार्यो में धांधली की तो उसे कौन रोकेगा, कौन जांच करेगा और कौन कार्रवाई करेगा?

loksabha election banner

भारत सरकार के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम तथा केंद्र सरकार की स्पेशल गाइड लाइन के मुताबिक, कोई भी जनप्रतिनिधि (पार्षद, चेयरमैन, महापौर, विधायक, सांसद, मंत्री, राज्यमंत्री व सरकार से मिले लालबत्ती वाले पदों पर आसीन) किसी भी सरकारी विभाग में ठेकेदारी अथवा लाभ का कोई कार्य नहीं कर सकता है। हालांकि शास्त्रीनगर के रहने वाले उप्र योजना आयोग के सदस्य आकिल मुर्तजा दो साल से नगर निगम में ठेकेदारी कर रहे हैं। निर्माण कार्यो के लिए पंजीकृत फेडरल कंस्ट्रक्शन कंपनी के वह मालिक हैं। अब सरकार के प्रतिनिधि यदि ठेका चाहें तो वह उन्हें कैसे नहीं मिलेगा। निगम में अधिकतर टेंडरों में समान दरें मिलने पर टेंडर का आवंटन लॉटरी से किया गया, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 18 कार्यो के टेंडरों की लॉटरी में उनकी कंपनी की पर्ची निकली। अब अगर इनकी कंपनी मानकों की अनदेखी करे तो निगम का कौन अधिकारी उसे रोकेगा।

आकिल के नाम से आवेदन व शपथपत्र

फेडरल कंसट्रक्शन कंपनी में आकिल मुर्तजा, उनकी पत्नी इशरत जहां तथा उनके पिता मोहम्मद उमर पार्टनर हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए इस कंपनी के निगम में पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए खुद आकिल मुर्तजा ने अपना फोटो लगाकर आवेदन किया। शपथपत्र, हैसियत प्रमाण पत्र व चरित्र प्रमाणपत्र भी उन्हीं के नाम से संलग्न हैं।

इन्होंने कहा..

जनप्रतिनिधि नियमानुसार ठेकेदारी नहीं कर सकते। रुटीन में आकिल मुर्तजा के नाम का पंजीकरण हो गया होगा।

कुलभूषण वाष्र्णेय, मुख्य अभियंता, नगर निगम

कंपनी के रजिस्ट्रेशन की पत्रावली की जांच और नियमों की जानकारी करके ही कुछ कह पाऊंगा।

देवेंद्र सिंह कुशवाहा, नगर आयुक्त, नगर निगम

कोई भी जनप्रतिनिधि ठेकेदारी नहीं कर सकता। आकिल मुर्तजा की कंपनी के दस्तावेज जुटाकर इस मामले को सदन में रखा जाएगा।

लक्ष्मीकांत वाजपेयी, शहर विधायक व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

योजना आयोग के सदस्य को कोई मासिक वेतन नहीं मिलता है। हमें सरकार से केवल गाड़ी की सुविधा मिली है। कंपनी मेरे पिता की है, जिसे भाई संचालित करता है। भाई ने ही यह गलती की है। जल्द कंपनी से हम अपना नाम हटवा लेंगे।

आकिल मुर्तजा, सदस्य, उप्र योजना आयोग।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.