समाजवादी पेंशन की चाह में पकड़ी भ्रष्ट राह
नवनीत शर्मा, मेरठ सपा सरकार ने गरीब महिलाओं के लिए सन् 2014 से समाजवादी पेंशन योजना शुरू की है। यो
नवनीत शर्मा, मेरठ
सपा सरकार ने गरीब महिलाओं के लिए सन् 2014 से समाजवादी पेंशन योजना शुरू की है। योजना का मकसद जरूरतमंद महिलाओं की मदद कर उनका जीवन सरल करना है, लेकिन इस पर भ्रष्टाचार की काली छाया पड़ चुकी है। जांच में सामने आया है कि योजना का लाभ पाने के लिए एक ही परिवार की पांच-पांच महिलाओं ने आवेदन किया है।
समाजवादी पेंशन योजना के तहत जरूरतमंद महिलाओं को पांच सौ रुपये की मदद दी जाती है। वर्ष 2016 तक जनपद में 62500 महिलाएं पेंशन पा रही थीं। शासन ने जनपद में 5500 नए पात्रों के लिए पेंशन देने की घोषणा की। पिछले चार माह में पेंशन के लिए जिलेभर से 40 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। इसमें शहरी क्षेत्र से 25 हजार, जबकि देहात से 15 हजार से अधिक फार्म मिले। आवेदनों की जांच शहरी क्षेत्र में नगर निगम और देहात में ब्लाक स्तर पर शुरू हुई। इसमें सामने आया कि 30 हजार से अधिक अपात्रों ने पेंशन के लिए आवेदन कर रखा है। इनमें कई मामले एक ही परिवार की पांच-पांच महिलाओं द्वारा आवेदन के सामने आए, जबकि नियम के मुताबिक एक परिवार से एक महिला ही आवेदन कर सकती है। जांच में दो वर्ष से पेंशन प्राप्त कर रहीं महिलाओं की पोल भी खुली। इनमें 15 हजार लाभार्थी शक के दायरे में आई। अब फिर से बड़ी संख्या में आए आवेदनों ने योजना की सार्थकता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
मंत्री-विधायक, सब हैं सिफारिशी समाजवादी पेंशन के लिए बड़ी संख्या में आए आवेदन फार्म पर ग्राम प्रधान से लेकर कैबिनेट मंत्री तक के सिफारिशी पत्र लगे हैं। ग्राम प्रधानों ने तो खुद को सपा समर्थित बताते हुए सिफारिश की है। सपाइयों के अलावा भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने भी अपना सिफारिशी-पत्र पेंशन के लिए लगाया है, जबकि बसपा ने इससे खुद को दूर रखा है। समाज कल्याण विभाग में पहुंचे 40 हजार आवेदन पत्रों में से 25 हजार पर सिफारिशी पत्र लगे हैं।
इनका कहना है..
समाजवादी पेंशन के लिए नए पात्रों का चयन जारी है। जांच में अपात्रों का आवेदन रद किया जा रहा है। पात्रों को ही पेंशन दी जाएगी।
- उमेश द्विवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी।