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'बसपा का नया नारा..जिसकी जितनी थैली भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी'

मेरठ : स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर बसपा सुप्रीमो मायावती पर सियासी हमला किया। उन्होंने कहा कि मायावती

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 01:15 AM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 01:15 AM (IST)
'बसपा का नया नारा..जिसकी जितनी  थैली भारी, उसको उतनी हिस्सेदारी'

मेरठ : स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर बसपा सुप्रीमो मायावती पर सियासी हमला किया। उन्होंने कहा कि मायावती दलित की नहीं,भ्रष्टाचार की बेटी हैं। मौर्य ने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में गैर भाजपा दलों का सूपड़ा साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 22 सितंबर को लखनऊ में होने वाली रैली आगामी सियासत का रूख तय करेगी।

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मंगलवार को गढ़ रोड स्थित राधा गोविंद मंडप में हुए सम्मेलन में स्वामी प्रसाद मौर्य कहा कि 20 साल मैंने अति पिछड़े व दलितों की आवाज बनकर बसपा में काम किया। दलितों और मैंने खुद उन्हें सगी बहन से बढ़कर माना। लेकिन उन्हें दलितों से नहीं, पैसों से प्यार है। कांशीराम ने नारा दिया था 'जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।' मायावती ने उसे 'जिसकी जितनी तैयारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' कर दिया। इसके बाद बसपा में साधन संपन्न लोगों के लिए द्वार खुले और दलितों, पिछड़ों व शोषितों की आवाज दब गई। मौर्य ने तंज किया कि अब बसपा का नारा और बदल चुका है। 'जिसकी जितनी थैली भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अब बसपा में दलितों को 50 लाख, पिछड़ों को 2 करोड़ व सामान्य को 5 से दस करोड़ में टिकट दिए जा रहे हैं। मेरे बसपा छोड़ते ही वह तीसरे नंबर पर आ गईं। उन्होंने लोगों से हाथ उठवाकर जनपदों की उपस्थिति देखी। बागपत की उपस्थित न के बराबर रहने पर उन्होंने प्रभारी एसएस सैनी से जमीनी स्तर पर काम करने को कहा। कहा कि 22 सितंबर को लखनऊ में होने वाली रैली में वे मायावती को अपना कद दिखाएंगे।

मंच पर हुई धक्का-मुक्की

मंच पर जगह पाने के लिए भाजपाइयों में मारामारी की स्थिति बन गई। जुलूसों में आए लोग भी मंच पर जा चढ़े, ऐसे में अव्यवस्था पसर गई। खुद मौर्य को व्यवस्था बनाए रखने की अपील कई बार करनी पड़ी। पूर्व एमएलसी हरपाल सैनी, भाजपा जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा, अरुण वशिष्ठ, विनीत शारदा अग्रवाल ने विचार रखे। पूर्व विधायक अजय यादव, धनपत राय, श्रीकांत त्यागी, समय सिंह सैनी, रणवीर सिंह राणा, भारतवीर गुर्जर, हरीश चौधरी, इंद्रपाल बजरंगी, संदीप प्रधान, विपेंद्र सुधा वाल्मीकि, रोबिन गुर्जर, भरत सिंह सैनी, भनौती प्रसाद आदि मौजूद रहे।

घंटों इंतजार के बाद खाली हो गयीं कुर्सियां

स्वामी प्रसाद मौर्य चार घंटे के विलंब से तीन बजे पहुंचे। भीषण गर्मी में घंटों इंतजार के बाद लोगों का सब्र जवाब देने लगा और बड़ी संख्या में लोग घर की ओर चल दिए।


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