तिरंगा लेकर चल रहे हैं,ट्रैफिक नियम तो मानिए
सरधना (मेरठ) : भाजपा की तिरंगा यात्रा में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन जारी है। कार्यकर्ताओं को तो छोड़ि
सरधना (मेरठ) : भाजपा की तिरंगा यात्रा में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन जारी है। कार्यकर्ताओं को तो छोड़िए खुद मोदी के मंत्री भी ट्रैफिक नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं। सरधना में रविवार को निकाली गई तिरंगा यात्रा में किसी भी पार्टी कार्यकर्ता ने बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं पहना। डा. संजीव बालियान और जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा एक बाइक पर सबसे आगे चल रहे थे, दोनों के ही सिर पर हेलमेट नहीं था। कई कार्यकर्ता तिरंगा यात्रा में ट्रिपलिंग करते भी दिखे। केंद्रीय मंत्री या जिलाध्यक्ष ने किसी कार्यकर्ता को टोकना जरूरी नहीं समझा।
मेरठ में भी किसी ने नहीं पहना हेलमेट
मेरठ शहर की सड़कों पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल की अगुवाई में यात्रा फर्राटा भरती रही। सांसद राजेंद्र अग्रवाल, विधायक रवींद्र भड़ाना, सत्यप्रकाश अग्रवाल महापौर हरिकांत अहलूवालिया किसी ने भी हेलमेट नहीं लगा रखा था। पुलिस सारा तमाशा देख रही थी,लेकिन उसने किसी को नहीं टोंका। माना भाजपाइयों ने यात्रा की अनुमति ले रखी थी,लेकिन क्या ट्रैफिक नियम तोड़ने की भी अनुमति ले रखी थी।
यात्रा में दुर्घटना, आधा दर्जन घायल
केंद्रीय मंत्री की अगुवाई वाली तिरंगा यात्रा में सकौती से कुछ दूर चलने पर ही स्कूटी सवार कार्यकर्ता जुनैद निवासी डबल स्टोरी, ध्रुव की स्कूटी डिवाइडर से टकरा गई और वह गिर पड़ा। अचानक स्कूटी सवार के गिर जाने से पीछे चल रहे बाइक सवार भी एक के बाद एक एक दूसरे के ऊपर गिरते चले गए। आधा दर्जन से अधिक बाइक और उन पर सवार लोग एक दूसरे के ऊपर गिर पड़े। आनन फानन में घायलों को आसपास के अस्प्ताल में भर्ती कराया गया। दौराला निवासी सुदेश अहलावत भी घायल हो गए।
इनका कहना है
भाजपा कार्यकर्ता पूरी तरह अनुशासन का पालन करते हैं। तिरंगा यात्रा व पार्टी की रैली में युवा नारे लगाते हुए चलते हैं। और भीड़ की वजह से ट्रैफिक नियमों का पालन व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं हो पाता।
-राजेंद्र अग्रवाल, सांसद।
भाजपा अपने अनुशासन के लिए जानी जाती है। हम रैली भी निकालते हैं तो जनता की सुविधा का पूरा ध्यान दिया जाता है। रही बात बाइक पर बिना हेलमेट चलने की तो इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए। यह एक सांकेतिक यात्रा है।
-डा. संजीव बालियान, केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार।
स्टंटबाजों के सामने भी दुबकी खाकी
स्टंटमैन पर कार्रवाई के लिए पुलिस डर गई है। दिल्ली रोड, वेस्ट एंड रोड, बेगमपुल पर बाइकर्स ने स्वतंत्रता दिवस पर स्टंट किया। इससे पहले भी ईद,नए साल, शब-ए-बरात और दीवाली पर भी जमकर स्टंट किया। हर बार की तरह स्टंट के फोटो तक सामने हैं, पर थानेदार से लेकर सीओ तक स्टंट नहीं होने का दावा कर रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर भी यातायात विभाग की ओर से सिर्फ 40 चालीस बाइकों का चालान किया गया है। कंकरखेड़ा, मोदीपुरम और परतापुर, हापुड़ रोड, पीवीएस रोड, विवि रोड, मेडिकल कालेज में पर हुए स्टंट में तो अभी तक बाइकर्स को चिन्हित तक नहीं किया गया है।
इन्होंने कहा..
स्वतंत्रता दिवस पर बाइक स्टंट करने वाले 40 बाइकर्स के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई। भाजपा की रैली में यातायात नियमों की अनदेखी की गई है तो एसएसपी से वार्ता कर जांच करा ली जाएगी।
सुजीत पांडेय, आइजी।
शहर में बाइक स्टंट की पर 40 बाइकर्स का चालान किया है, आगे स्टंट न हो, इसके लिए एसपी सिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। भाजपा की रैली में नियमों की अनदेखी हुई है तो एसपी ट्रैफिक से पूरे मामले की जांच करा ली जाएगी।
जे रविंद्र गौड, एसएसपी।
कब तक एक दूसरे पर टालेंगे?
स्वतंत्रता दिवस पर कई सड़कों पर स्टंट हुआ, जुलूस निकालकर ट्रैफिक नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, भाजपा ने भी तिरंगा यात्रा में यातायात नियमों का खूब मखौल उड़ाया, पुलिस हर तरफ सबकुछ देखते हुए भी अनजान बनी रही, लेकिन जोन के मुखिया आइजी सुजीत पांडेय और एसएसपी जे रविन्द्र गौड़ कोई ठोस कार्रवाई के बजाए एक दूसरे पर टालकर मामले को रफा-दफा करने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। दोनों अधिकारियों के बयान पर गौर करें तो कोई भी ठोस कार्रवाई के मूड में नहीं हैं। एक ने दूसरे तो दूसरे ने तीसरे पर टालकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। शायद इसी ढील का परिणाम है कि ऐसे हुड़दंगियों के हौसले और बुलंद हो रहे हैं। अब ये अधिकारी किस दबाव में कार्रवाई से बच रहे हैं ये तो यही जानें, लेकिन यही सब कुछ होता रहा और अधिकारी ऐसे ही मूकदर्शक बने रहे तो किसी दिन भी बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे हुड़दंग से पब्लिक को होने वाली परेशानी भी इन अफसरों की आंख नहीं खोल पा रही है?
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स्टंट करने वाला अपनी जान जोखिम में डालता है। औरों के लिए भी परेशानी का सबब बनता है। पुलिस को ऐसे लोगों पर सख्ती करनी चाहिए। पुलिस-प्रशासन के आला अफसरों से इस संबंध में वार्ता की जाएगी। जरूरत पड़ी तो विस में भी मामला उठाऊंगा।
-शाहिद मंजूर, कैबिनेट मंत्री।