'210बी का मामला महज हादसा था'
मेरठ : सदर बाजार के बंगला नंबर 210बी में अवैध कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण के दौरान चार लोगों की मौत का
मेरठ : सदर बाजार के बंगला नंबर 210बी में अवैध कांप्लेक्स के ध्वस्तीकरण के दौरान चार लोगों की मौत का मामला एक नया मोड़ ले रहा है। ध्वस्तीकरण के दौरान मारे गए दीपक के परिवार में आर्थिक सहायता, नौकरी और दुकान को लेकर विवाद की स्थिति है। दीपक के भाई बादशाह ने रविवार को प्रेसवार्ता कर अपने अपहरण की बात को गलत बताया और कहा कि वह कुछ दिनों के लिए अपने बहनोई के पास चला गया था। उसने भाभी पर ही बंधक बनाने का आरोप लगाया। दीपक के भाई बादशाह और पत्नी के शपथ पत्र के बाद हत्या के मुकदमे को हादसे में तरमीम करने की कार्रवाई को पुलिस ने फिलहाल रोक दिया है।
चार लोगों की हुई थी मौत
हाईकोर्ट के आदेश पर कैंट बोर्ड की टीम नौ जुलाई को सदर बाजार के बंगला नंबर 210बी में बने आरआर मॉल को गिराने पहुंची थी। धवस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान दीपक शर्मा,उनके बेटे हनी शर्मा, नौकर गोविंदा, बिट्टू और बिट्टू का दोस्त होमगार्ड ओमवीर दब गए थे। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। बिंट्टू का अभी भी इलाज चल रहा है। हादसे के बाद दीपक के भाई जितेंद्र उर्फ बादशाह की तहरीर पर सीईओ राजीव श्रीवास्तव, सीईई अनुज चौधरी, एई पीयूष गौतम, जेई अवधेश यादव एवं योगेश यादव तथा अरविंद गुप्ता व अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें सीईई अनुज चौधरी अभी जेल में है।
परिवार में मतभेद
अब, दीपक की पत्नी चित्रा और भाई बादशाह में आर्थिक सहायता, नौकरी और दुकान को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। बादशाह का कहना है कि वह दुकान पर शुरू से खुद ही रहता था। ऐसे में दुकान उसे मिलनी चाहिए। बादशाह ने यह भी बताया कि दीपक खुद ध्वस्तीकरण के दौरान माल में गए थे। ऐसे में यह पूरा मामला एक हादसा है। हमने इस बारे में शपथ पत्र भी दिया है। प्रेसवार्ता में बादशाह के अलावा व्यापारी नेता सुनील दुआ, पूर्व पार्षद दिनेश गोयल, नवनीत, हाजी जावेद आदि मौजूद रहे। इंस्पेक्टर गजेंद्र पाल का कहना है कि विवेचना में एक पर्चा कट चुका है। अदालत के आदेश पर मुकदमे के वादी और मृतक की पत्नी के बयान दर्ज होने के बाद ही मुकदमे को हत्या से हादसे में तरमीम किया जा सकेगा।