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जो चाहे कर लो..खुली ही दौड़ेंगी निगम की कूड़ा लदी गाड़ियां

मेरठ : नगर निगम अफसरों की जिद है कि शहर के बाहर कूड़ा ले जाने वाली गाड़ियों को खुला ही दौड़ाएंगे। उन्हे

By Edited By: Published: Mon, 22 Aug 2016 01:04 AM (IST)Updated: Mon, 22 Aug 2016 01:04 AM (IST)
जो चाहे कर लो..खुली ही दौड़ेंगी निगम की कूड़ा लदी गाड़ियां

मेरठ : नगर निगम अफसरों की जिद है कि शहर के बाहर कूड़ा ले जाने वाली गाड़ियों को खुला ही दौड़ाएंगे। उन्हें न तो ढकेंगे और न ही उनके पीछे के टूटे डाले को ठीक कराएंगे। सुबह सफाई कर्मचारी पूरे शहर की सफाई करते हैं और दोपहर में ये गाड़ियां पूरे शहर में कूड़ा फैलाती चली जाती हैं, जिससे जनता परेशान है। ये हालात तो तब है जबकि केंद्र सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा मुख्य सचिव गाड़ियों को ढकने का आदेश दे चुके हैं।

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कूड़े को ढककर शहर से बाहर ले जाने का आदेश है। लगभग दो साल में इसके लिए दो बार लाखों रुपये की तिरपाल भी खरीदी जा चुकी है। फिर भी कूड़ा गाड़ियां खुली ही दौड़ती हैं। 3200 सफाई कर्मचारी जिन सड़कों को सुबह साफ करते हैं उन्हें ये गाड़ियां फिर से गंदा कर देती हैं। जेल चुंगी चौराहा से गावड़ी डंपिंग ग्राउंड को जाने वाली किला रोड की हालत तो दयनीय है। निगम के तीनों वाहन डिपो की 150 कूड़ा गाड़ियां इसी मार्ग से गुजरती हैं।

पीएमओ का आदेश भी हवा में

किला रोड की कोरल स्प्रिंग कालोनी निवासी अनुज त्यागी की शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने 10 जुलाई 2015 तथा 22 जुलाई 2016 को मुख्य सचिव उ.प्र. को आदेश दिया। उप सचिव नगर विकास ने नगर आयुक्त को आदेश दिया। लेकिन गाड़ियां नहीं ढकी।

एक सप्ताह ढककर चली चार गाड़ियां

पीएमओ के आदेश से हलचल मची तो नवंबर 2015 में चार कूड़ा गाड़ियों को एक सप्ताह ढककर चलाया गया तथा उनका फोटो पीएमओ को भेजकर समस्या के समाधान का दावा कर दिया।

कितने कर्मचारी उठाते हैं सड़क पर गिरा कूड़ा?

निगम प्रशासन ने गाड़ियों से गिरने वाले कूड़े का तत्काल उठान कराने का दावा किया था। शिकायतकर्ता ने आरटीआइ के माध्यम से पूछा है कि सड़क पर गिरने वाले कूड़े को उठाने के लिए कितने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है? उनके नाम व मोबाइल नंबर समेत सूची मांगी है। इस सवाल अफसरों पर जवाब नहीं बन रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी को पलीता

केंद्र सरकार स्वच्छ भारत अभियान में पैसा बहा रही है। स्मार्ट सिटी की दौड़ में भी मेरठ शहर शामिल है, लेकिन यह लापरवाही इन दोनों अभियान को पलीता लगा रही है। इन हालात से शहर की बीस लाख जनता परेशान है।

जल्द ढकी जाएंगी कूड़ा गाड़ियां

नगर आयुक्त देवेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि पूर्व में खरीदी गई तिरपाल को निकालने का आदेश दिया गया है। सफाई उपकरणों की खरीद के लिए 72 करोड़ का प्रोजेक्ट प्रदेश से स्वीकृत होकर केंद्र के पास गया है। जल्द समस्या का समाधान होगा। साथ ही लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी।


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