स्वर्ण में लक्ष्मी का साक्षात वास मानता हूं : गोल्डन बाबा
मोदीपुरम (मेरठ) : कपड़ा और रियल एस्टेट कारोबारी से संत बने गोल्डन बाबा का कहना है कि स्वर्ण उनके लिए
मोदीपुरम (मेरठ) : कपड़ा और रियल एस्टेट कारोबारी से संत बने गोल्डन बाबा का कहना है कि स्वर्ण उनके लिए साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर दिल्ली जा रहे गोल्डन बाबा ने दौराला स्थित एक ढाबे में करीब पांच घंटे तक विश्राम किया। इसके बाद वह दिल्ली की ओर रवाना हुए। रास्ते में बाबा को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। बाबा ने वाहन के ऊपर खड़े होकर सभी का अभिवादन किया।
दिल्ली के गांधीनगर के मूल निवासी गोल्डन बाबा गेरुआ चोला ओढ़ने से पहले कपड़ा कारोबारी थे और उनका मूल नाम सुधीर कुमार मक्कड़ है। उन्होंने बताया कि पहले उनका धंधा मंदा चलता था, जिसके चलते एक समय ऐसा रहा कि उन्होंने हरिद्वार आदि तीर्थस्थलों पर माला बेचने का काम किया। भोले की कृपा बरसी और एक समय उनका कारोबार डेढ़ सौ करोड़ सालाना का हो गया। गोल्डन बाबा ने बताया कि वह सोने के आभूषण संपन्नता दिखाने के लिए नहीं पहनते, बल्कि सोने में देवी लक्ष्मी का वास होता है। सोने की पूजा अर्चना करते हैं। वर्तमान में वह 12 किलो से अधिक स्वर्ण के आभूषण धारण किए हुए हैं। साढ़े चार किलो की सोने की जैकेट हाल ही में बनवाई है। उन्होंने बताया कि वे 28 जुलाई अपना जन्मदिन भक्ति भाव और सादगी से जन्मदिन मनाएंगे। बरेली के पंचदशनाम जूना अखाड़े के श्री महंत गोल्डन बाबा ने कहा कि वह कांवड़ यात्रा के माध्यम से भगवान शिव की भक्ति की अलख जगाने का प्रयास कर रहे हैं। 22 को हरिद्वार से जल लेकर चले और 31 को दिल्ली पहुंचेंगे। गोल्डन बाबा के साथ डेढ़ सौ शिव भक्तों का जत्था भी चल रहा है। इसके अलावा दौराला थाने की पुलिस फोर्स उनके साथ रही।