छावनी की जमीन तो दूर, ढांचा खरीदना भी मुश्किल
मेरठ : छावनी क्षेत्र की जमीनों की खरीदफरोख्त नहीं हो सकती है, केवल जमीन के ऊपर बने स्ट्रक्चर यानी ढा
मेरठ : छावनी क्षेत्र की जमीनों की खरीदफरोख्त नहीं हो सकती है, केवल जमीन के ऊपर बने स्ट्रक्चर यानी ढांचे की खरीद बिक्री हो सकती है। रक्षा संपदा निदेशालय ने इसके लिए भी लैंड पालिसी में दिशा निर्देश निर्धारित किया है। बोर्ड की आगामी 27 मई को होने वाली बैठक में सदस्यों के सामने इसे रखा जाएगा।
रक्षा संपदा निदेशालय की ओर से लैंड पालिसी के तहत बेचने और म्यूटेशन के लिए विशेष नियम और शर्ते हैं। इसमें छावनी क्षेत्र में केवल उसी ढांचे को ही बेचने की अनुमति दी जाएगी जो वैध होगा। ओल्ड ग्रांट के पेड़ों का स्वामित्व अधिकार भी भारत सरकार रक्षा मंत्रालय का होगा। निदेशालय के निर्देशों के आधार पर कैंट बोर्ड संपति की खरीद, बिक्री की अनापत्ति के मामले में केवल उन्ही लोगों को एनओसी देगा, जिनका नाम जीएलआर में दर्ज होगा और उस पर किसी भी तरह का अवैध निर्माण, उपविभाजन, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण न हो। नियम विरुद्ध निर्माणों पर कैंट बोर्ड आवश्यक कार्यवाही करेगा।
भैंसाली ग्राउंड में सशुल्क खेलने की अनुमति
भैंसाली ग्राउंड में बच्चों को सुबह दो घंटे और शाम दो घंटे तक निशुल्क खेलने की अनुमति होगी। ग्राउंड में खेल गतिविधियों के लिए शुल्क वसूलने का प्रावधान रखा गया है जो एक दिन के लिए ढाई हजार रुपये होगा। सफाई शुल्क और सिक्योरिटी राशि अलग से देनी होगी। कैंट बोर्ड ने भैंसाली ग्राउंड को धार्मिक आयोजन, राजनीतिक गतिविधियों और व्यापारिक मेले व प्रदर्शनी के लिए भी सशुल्क देने का प्रस्ताव बनाया है। इसमें धार्मिक आयोजन के लिए तीन हजाररुपये लाइसेंस फीस, एक हजार रुपये सफाई शुल्क और दस हजार रुपये सिक्योरिटी राशि रखी गई है। राजनीतिक आयोजन के लिए लाइसेंस शुल्क 21 हजार रुपये प्रतिदिन और व्यापारिक मेले के लिए 21 हजार रुपये प्रतिदिन का लाइसेंस शुल्क निर्धारित किया गया है। सफाई शुल्क और सिक्योरिटी शुल्क अलग से है।