महिला होमगार्ड का छेड़छाड़ का आरोप, जिला कमांडेंट को पीटा
मेरठ : होमगार्ड आफिस में महिला होमगार्ड ने जिला कमांडेंट की पिटाई कर दी। महिला होमगार्ड ने जिला कमां
मेरठ : होमगार्ड आफिस में महिला होमगार्ड ने जिला कमांडेंट की पिटाई कर दी। महिला होमगार्ड ने जिला कमांडेंट पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। हंगामा इस कदर बढ़ा कि जिला कमांडेंट और उनके चपरासी को दफ्तर से भागना पड़ा। महिला होमगार्ड ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि बहाल करने के नाम पर उससे रिश्वत मांगी जा रही है और शारीरिक संबंध का दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस ने महिला होमगार्ड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। महिला होमगार्ड की तहरीर लेने से इन्कार कर दिया।
धरने में जाने पर हुआ था निलंबन
मेरठ विकास प्राधिकरण की इमारत में स्थित होमगार्ड दफ्तर में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। कंकरखेड़ा की एक महिला 2002 से होमगार्ड विभाग में है। 2013 में जब होमगार्डो को स्थाई करने की मांग उठी तो मेरठ से भी होमगार्डो का जत्था प्रदर्शन में लखनऊ पहुंचा था। इसी प्रकरण में धर्मेद्र कुमार निवासी दबथुवा, अनिश शर्मा निवासी माछरा और दो अन्य महिला होमगार्ड को सस्पेंड कर दिया गया और बाद में इन्हें विभाग से निष्कासित कर दिया गया। इनमें से एक महिला होमगार्ड को आठ महीने पहले बहाल कर दिया गया है। दूसरी महिला होमगार्ड पिछले काफी समय से बहाली की मांग कर रही थी।
किसी तरह निकाला बाहर
बुधवार दोपहर को भी दूसरी महिला होमगार्ड एमडीए बिल्डिंग में जिला कमांडेंट आर. नारायण के कार्यालय में पहुंची। महिला होमगार्ड का आरोप है कि उससे छेड़छाड़ की गई। महिला होमगार्ड ने जिला कमांडेंट पर जूते बरसा दिए। महिलाकर्मियों ने किसी तरह से महिला होमगार्ड को कार्यालय से बाहर निकाला। इस पर वह कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गई। सिविल लाइन थाने से दारोगा डीसी शर्मा और महिला पुलिस मौके पर पहुंची। महिला होमगार्ड से बयान लिए गए।
आरोप एक जैसे, फिर दूसरे की बहाली क्यों
महिला होमगार्ड ने आरोप लगाया कि उसके साथ एक अन्य होमगार्ड को सस्पेंड किया गया था। दोनों पर लखनऊ के धरने में जाने का आरोप था। करीब आठ माह पूर्व दूसरी महिला होमगार्ड को बहाल कर दिया गया, जबकि मुझे निलंबित रखा गया।
पीड़िता पर ही दर्ज कर दिया मुकदमा
जिला कमांडेंट की तहरीर पर पुलिस ने पीड़िता के खिलाफ ही लोकशांति भंग करने और सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कर दिया। वहीं दूसरी ओर पीड़िता ने बताया कि उसने अपनी तहरीर पुलिस को दी, लेकिन इंस्पेक्टर सिविल लाइन ने तहरीर नहीं ली और पुलिस हिरासत में महिला थाने भिजवा दिया।
'समझौता कर लो, नहीं जो जेल भिजवा देंगे'
पीड़िता से रात करीब 10 बजे फोन पर बात की गई। महिला होमगार्ड ने बताया कि उसे महिला थाने में हिरासत में रखा गया है। आरोप लगाया कि जब उसे सिविल लाइन थाने लाया गया तो वहां जिला कमांडेंट के कुछ अधीनस्थ आए और धमकी दी कि फैसला कर लो। कमांडेंट साहब से माफी मांग लो, वरना जेल भिजवा देंगे। बात मानने से इंकार किया तो मुकदमा दर्ज करा दिया और मेरी तहरीर तक नहीं ली।
इन्होंने कहा..
तीन या चार साल पूर्व महिला होमगार्ड समेत कुछ अन्य को पहले सस्पेंड और फिर विभाग से ही निकाल दिया गया था। वर्तमान में इन से कोई भी होमगार्ड नहीं है। बहाली के लिए प्रत्यावेदन दिया है, जिसे मुख्यालय भेजा जा चुका है। बहाली के संबंध में मुख्यालय से ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। मेरे पास कोई भी प्रार्थना पत्र लंबित नहीं है। महिला और दो अन्य होमगार्ड मुझ पर बहाली के लिए दबाव बना रहे थे। दबाव बनाने के लिए सभी आरोप लगाए गए हैं।
-आर. नारायण, जिला कमांडेंट।