30 जून तक नाले साफ कर अदालत को बताइए
मेरठ : सिल्ट से भरे शहर के 285 नालों की हाईकोर्ट ने 30 जून तक सफाई करके उन्हें सिल्टमुक्त करने का आद
मेरठ : सिल्ट से भरे शहर के 285 नालों की हाईकोर्ट ने 30 जून तक सफाई करके उन्हें सिल्टमुक्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने खुले नालों से शहर की जनता को सुरक्षित करने के लिए नगर आयुक्त से एक महीने में स्पष्ट कार्ययोजना मांगी है। नेहरु नगर के नाले में गिरकर 13 वर्षीय गौरव की मौत के कारणों तथा उक्त मामले में कार्रवाई की जानकारी भी हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त से मांगी है।
नेहरुनगर के नाले में खेलते समय गिरकर मौत का शिकार हुए 13 वर्षीय गौरव की मां सुशीला देवी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने नगर आयुक्त के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताई है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शम्सउज जमां ने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि पूरे मामले में नगर आयुक्त शांत रहे। कोर्ट में दाखिल शपथपत्र में भी उन्होंने कोई योजना पेश नहीं की। कम गहरे पानी में गिरकर भी बच्चा निगम के पांच दिन के अभियान में नहीं मिला, जबकि एक सप्ताह बाद उसका शव उसी नाले से मिला। कोर्ट ने नगर आयुक्त से घटना के कारण तथा पूरे मामले में कार्रवाई की भी स्पष्ट जानकारी मांगी है। कोर्ट ने सिल्ट से भरे शहर के 285 नालों की 221 किमी लंबाई को 30 जून तक हर हाल में जेसीबी तथा हाथ से साफ कराकर सिल्ट मुक्त करने का आदेश दिया है। इस कार्य की प्रगति रिपोर्ट अगली सुनवाई पर पेश करनी होगी।
स्पष्ट जवाब न मिलने पर कोर्ट नाराज
अधिवक्ता ने बताया कि बच्चे की मौत की घटना पर नगर आयुक्त का स्पष्ट जवाब न मिलने से नाराज कोर्ट ने नगर आयुक्त को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का एक मौका और दिया है। कोर्ट ने खुले नालों से शहर के लोगों को सुरक्षित करने के लिए योजना पूछी। कोर्ट ने निगम के उन दोनों तथ्यों को खारिज किया, जिसमें निगम ने नाला ढकने से सफाई न हो पाने तथा अवैध कब्जे हो जाने की बात कही थी। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि निगम अपनी जिम्मेदारी निभाए। लगातार अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करें। कोर्ट ने कहा है कि नगर आयुक्त अपने दिमाग का इस्तेमाल करके जनता को खुले नालों से सुरक्षित करने के लिए योजना बनाएं। एक महीने में यह काम पूरा करके कोर्ट के सामने पेश करें। इस मामले में अब 24 मई को सुनवाई होगी। निगम की ओर से अधिवक्ता अनिल तिवारी ने पक्ष रखा।