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टूट गई 'गंगाजल' की धार

मेरठ : सात साल से गंगाजल का इंतजार कर रही शहर की 20 लाख जनता को अभी और सब्र करना पड़ेगा। गंगाजल लेकर

By Edited By: Published: Sat, 30 Apr 2016 02:00 AM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2016 02:00 AM (IST)
टूट गई 'गंगाजल' की धार

मेरठ : सात साल से गंगाजल का इंतजार कर रही शहर की 20 लाख जनता को अभी और सब्र करना पड़ेगा। गंगाजल लेकर भोला झाल से शहर आ रही मास्टर लाइन को मोबाइल कंपनियों के भूमिगत केबिल ने जगह-जगह से छलनी कर दिया है। अभी तक चार स्थानों पर मास्टर लाइन में ड्रिल करके केबिल पार हुए मिल चुके हैं। घंटाघर पर भी लीकेज है। शुक्रवार को महापौर ने जल निगम, नगर निगम, कार्यदायी एजेंसी व मोबाइल कंपनियों के अफसरों को पुलिस लाइन के गेट पर ही तलब करके जमकर फटकार लगाई तथा मोबाइल कंपनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया।

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शहर में 273 करोड़ से तैयार किए गए गंगाजल योजना के नेटवर्क को मोबाइल कंपनियों के भूमिगत केबिल ने छलनी कर दिया है। भोला की झाल से गंगाजल लेकर शहर में आ रही मास्टर लाइन में अभी तक चार स्थानों पर मोबाइल का केबिल घुसकर पार हो चुका है। बागपत रोड फ्लाईओवर के पास, इसी मार्ग पर अंबेडकर धर्मशाला के पास ऐसे फाल्ट को ठीक किया जा चुका है। चौथा पाल्ट सर्किट हाउस के पास पुलिस लाइन के गेट के सामने मिला है। इन फाल्ट से गंगाजल फिर से दूषित हो रहा है। सर्किट हाउस तक गंदा पानी पहुंचने का कारण उक्त फाल्ट होने की सूचना पर शुक्रवार दोपहर में महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने नगर निगम, जलनिगम, कार्यदायी एजेंसी प्रतिभा कंस्ट्रक्शन कंपनी तथा मोबाइल कंपनियों के अधिकारियों को पुलिस लाइन के गेट के पास उसी स्थान पर तलब कर लिया जहां लाइन में फाल्ट था। उन्होंने जल निगम, कार्यदायी संस्था तथा मोबाइल कंपनियों के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। महापौर ने कहा कि निगम से बिना अनुमति लिए ही उक्त भूमिगत केबिल डाला गया है। ड्रिल मशीन ने 273 करोड़ की योजना की मास्टर लाइन को ही क्षतिग्रस्त कर दिया है। यह घोर लापरवाही है तथा शहर की 20 लाख जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है। साथ ही करोड़ों रुपये से बनाई गई शहर की सड़कों को भी क्षतिग्रस्त किया जा रहा है।

जल निगम के परियोजना अधिकारी हेतराम सिंह व प्रति कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट मैनेजर हरी प्रसाद शर्मा ने बताया कि उक्त केबिल वोडाफोन का है, जिसे टाटा टेली सर्विस ने डाला है। इस दौरान मोबाइल कंपनी के अधिकारी उक्त भूमिगत केबिल को डालने की निगम से मिली अनुमति भी नहीं दिखा सके। महापौर ने नगर निगम के सहायक अभियंता जलकल दीपक सक्सेना को मोबाइल कंपनियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में नगर आयुक्त को भी लिखित आदेश भेजा गया है। जिसमें उन्होंने बिना अनुमति केबिल डालने वाले लोगों को सीधे पकड़कर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है। इस दौरान पार्षद राकेश शर्मा, चरण सिंह लिसाड़ी, तहसीन अंसारी, संजीव पुंडीर आदि मौजूद रहे।

और देर से मिलेगा गंगाजल

सात साल से गंगाजल का शहर की जनता को इंतजार है। जल निगम ने सरकार से पूरा पैसा लेने के बाद योजना का काम पूरा कर लिए जाने का दावा किया था, जिसके आधार पर ही महापौर ने सवाल किया है कि जब काम पूरा है तो जनता को गंगाजल उपलब्ध कराने में विलंब क्यों हो रहा है? लेकिन हालात साफ बता रहे हैं कि गंगाजल अभी देर से मिलेगा। भूमिगत नलकूप जहां अभी धूल से अटे हैं वहीं नई लाइनें पानी जारी करते ही फट रही हैं।

तीन दिन में फाल्ट ठीक करके शुरू करेंगे जलापूर्ति

महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने बताया कि मोबाइल केबिल को कंपनी ने काटने नहीं दिया, जिस कारण फाल्ट ठीक नहीं किया जा सका। शुक्रवार को कंपनी के एक्सपर्ट ने खुद केबिल को लाइन से काटकर निकाला। पाइप लाइन के फाल्ट को दो दिन में ठीक किया करने के साथ ही तीन दिन में सर्किट हाउस नलकूप से जलापूर्ति शुरू करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि जल निगम अफसरों ने समय से पानी नहीं दिया तो जल निगम अफसरों को आफिस में नहीं बैठने दिया जाएगा।

कहां से आएगा नौचंदी भूमिगत जलाशय में पानी?

मेरठ : रालोद के महानगर अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार ने कमिश्नर, डीएम तथा जल निगम के परियोजना प्रबंधक से शिकायत की है कि गंगाजल योजना के लिए नौचंदी ग्राउंड में बनाया गया भूमिगत जलाशय लंबे समय से बंद है। यहां तक गंगाजल की लाइन ही नहीं पहुंची है। उन्होंने विकासपुरी जलाशय से इसे लिंक करने की मांग की है।

मई तक गंगाजल नहीं तो आंदोलन: वाजपेयी

जानीखुर्द : शुक्रवार को भोला झाल पर आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मई माह तक गंगाजल की आपूर्ति शुरू नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। भोला झाल स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने के दौरान कहा कि अफसरों की लापरवाही व नेताओं के हस्तक्षेप के कारण करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए 100 एमएलडी क्षमता वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का गंगाजल मेरठ की जनता तक नहीं पहुंच पा रहा है। सन् 2000 से शुरू की गई करीब 279 करोड़ रुपये की परियोजना का अभी तक टेस्टिंग का कार्य ही पूर्ण नहीं हो पाया है। भोला झाल पर बने बिजली घर में लगे छह में से चार टर्मिनल खराब मिलने की बाबत वाजपेयी ने प्रशासन से वार्ता करने की बात कही। इस दौरान नरेन्द्र उपाध्याय, संजय त्यागी, मुनेश बाफर, सुरेश अग्रवाल, नितिन गोस्वामी, मनोज गोस्वामी आदि साथ रहे।


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