ध्वस्त होगा बंगला नंबर 210 बी, कैंट बोर्ड की टीम गठित
मेरठ: कैंट क्षेत्र के सबसे चर्चित बंगला नंबर 210 बी अब ध्वस्त किया जाएगा, हाईकोर्ट ने बंगले को लेकर
मेरठ: कैंट क्षेत्र के सबसे चर्चित बंगला नंबर 210 बी अब ध्वस्त किया जाएगा, हाईकोर्ट ने बंगले को लेकर दर्ज की गई सभी 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कैंट बोर्ड कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हो गया है। कैंट बोर्ड ने बंगले के ध्वस्तीकरण के लिए पूरी टीम बना ली है, जो शनिवार को मौके पर जाकर सर्वे करेगी कि किस तरह से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। इस फैसले से बंगले में रहने वाले सैकडों परिवार की धड़कने बढ़ गई है।
हाईकोर्ट ने बंगला नंबर 210 बी में रहने वाले 23 याचिकर्ताओं की दाखिल सभी याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपने फैसले में 29 अप्रैल 2014 को सिंगल बेंच के दिए फैसले को सही ठहराया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी जमीन पर बगैर नक्शा पास कराए बड़े पैमाने पर निर्माण हुआ है। जो छावनी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा है। डबल बेंच के फैसले की कापी बेवसाइट पर अपलोड होते ही कैंट बोर्ड एक्शन में आ गया है। कैंट बोर्ड के सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने कोर्ट के फैसले के बाद टीम गठित कर दिया है। जो शनिवार को जाकर बंगला नंबर 210 बी का सर्वे प्लान करेगी। कोर्ट से अपील खारिज होने और कैंट बोर्ड के सक्रियता से बंगला नंबर 210 बी में रहने वाले लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं।
इनकी याचिकाएं खारिज
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जिन याचिकाओं को खारिज किया है। उसमें बाबूराम मुकेश कुमार गुप्ता, शोभा गुप्ता, दिनेश चंद्र गोयल, अनूप गर्ग, एसके अग्रवाल, गुलाब सिंह, संदीप, कमलेश रानी, नरेश कुमार, वीके सक्सेना, अनिल कुमार, कृष्णा अग्रवाल, लक्ष्मी देवी, वेदप्रकाश मित्तल, कुमकुम जैन, मुकेश अग्रवाल आदि है।
बिल्डर की याचिका पहले ही खारिज
प्रमुख बिल्डर आनंद प्रकाश और पुष्पा देवी की याचिका पहले ही कोर्ट से खारिज हो चुकी है। जिसमें प्रमुख बिल्डर को छह महीने की सजा को बरकरार रखते हुए 1996 के बाद हुए 58 सेल रजिस्ट्री को अवैध ठहरा दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में आनंद प्रकाश की याचिका खारिज हो चुकी है।
बंगले मे 94 मकान, दुकान, बड़े शापिंग माल
रक्षा संपदा अधिकारी के अधीन बी-3 लैंड पर स्थित बंगला नंबर 210बी में कई आलीशान कोठियां, आवास बना दिए गए। इसमें करीब 94 आवास, शापिंग माल आदि बने हैं, जिसमें सैकड़ों लोग रहते हैं। बहुत सारे लोग वहां अपना सबकुछ बेचकर मकान बनाकर रहे हैं।
आज मौका मुआयना करेगी टीम
सीईओ राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि हाईकोर्ट ने सभी 23 अपील को खारिज कर दिया है, इसमें सरकारी जमीन पर जो भी अवैध निर्माण हुए हैं, उसे छावनी की सुरक्षा के लिए खतरनाक मानते हुए कोर्ट ने तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा है। इसके लिए हमने टीम गठित कर दी है। मौका मुआयना करके देखा जाएगा कि सभी निर्माण को किस तरह से तोड़ा जा सकता है। सर्वे के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
डायनामाइट का इस्तेमाल करेंगे
छावनी परिषद पहले से ही बंगला नंबर 210 बी के बिल्डिंग, माल को ध्वस्त करने के लिए डायनामाइट का प्रयोग भी कर सकता है, जिससे आसानी से बिल्डिंग को हटाया जा सके और आसपास की अन्य बिल्डिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।