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आखिरकार टूटना शुरू हुआ अफसरों का तिलिस्म

मेरठ : जिला मेरठ में मठाधीश बनकर राज कर रहे पुलिस अधिकारियों का तिलिस्म टूटना शुरू हो गया है। मेरठ म

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 02:14 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 02:14 AM (IST)
आखिरकार टूटना शुरू हुआ अफसरों का तिलिस्म

मेरठ : जिला मेरठ में मठाधीश बनकर राज कर रहे पुलिस अधिकारियों का तिलिस्म टूटना शुरू हो गया है। मेरठ में लगभग तीन साल से जमे हुए एसपी देहात एमएम बेग का दो दिन पहले तबादला हो गया। गुरुवार को डा. प्रवीण रंजन सिंह ने मेरठ में एसपी देहात की कुर्सी संभाल ली।

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एसपी मिर्जा मंजर बेग ने एक मार्च 2013 को मेरठ में एसपी देहात की कुर्सी संभाली थी। मेरठ में इतना लंबा समय गुजारने के बावजूद पूर्व एसपी देहात के खाते में कोई बड़ी उपलब्धि नहीं जुड़ सकी। इनके कार्यकाल में देहात में कई बड़ी वारदातें हुई। हर बार क्राइम ब्रांच या आला अधिकारियों को कमान संभालनी पड़ी। जाहिर है कि शासन में उनकी कुछ ऐसी पकड़ थी जो बड़ी से बड़ी घटना होने के बावजूद कुर्सी नहीं हिली। भाजपा विधायक संगीत सोम के पिता की गिरफ्तारी प्रकरण में सीओ सरधना से लेकर एसएसपी मेरठ सुभाष चंद बघेल तक पर गाज गिर गई, लेकिन एसपी देहात पर आंच तक नहीं आई। सेना भर्ती के आरोपी आदेश गुर्जर की गिरफ्तारी प्रकरण पर उनकी चुप्पी भी अजीबोगरीब रही। आखिरकार बरेली पुलिस ने ही उसे गिरफ्तार किया और उसके बाद सेना से लेकर तमाम फर्जीवाड़े के खुलासे हुए। सूत्रों का कहना है कि इस बार भी जब ट्रांसफर का आर्डर आया तो एसपी देहात फिर से जुगत भिड़ाने में लग गए। हालांकि इस बार सिफारिशें काम नहीं आई।

ये हुई बड़ी वारदातें

- मुंडाली के नंगलामल में ¨हसा के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी। दूसरे जनपदों से फोर्स बुलानी पड़ी थी। स्थानीय पुलिस अक्षम रही।

-सेना भर्ती घोटाले के आरोपी आदेश गुर्जर की गिरफ्तारी को लेकर सवालों के घेरे में रहे।

- सरधना के खेड़ा में पंचायत को लेकर हुए बवाल में पुलिस की पिटाई तक हुई। एसएसपी तक को हटना पड़ा।

- खरखौदा कांड भी राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में रहा।

- खरखौदा में मीट प्लांट से करोड़ों रुपये का मीट गायब हो गया था। इस प्रकरण में एसपी देहात संदेह के घेरे में रहे।

एसपी देहात डा. प्रवीण रंजन के सामने कई चुनौती

डा. प्रवीण रंजन सिंह ने मेरठ एसपी देहात की कुर्सी गुरुवार को संभाल ली। डा. प्रवीण के सामने कई चुनौतियां हैं। अव्यवस्था और अपराधियों से भरा मेरठ देहात, मनमर्जी चलाने वाले थानेदार और सियासी दबाव से उबरना उनके लिए बड़ी चुनौती होगा। हापुड़ के पिलखुवा में सीओ रह चुके डा. प्रवीण 1997 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं। वर्ष 2000 में इन्होंने मेरठ में ही ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद पहली तैनाती इटावा के जसवंतनगर में मिली थी।


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