पश्चिम उप्र को दहला सकते हैं सीमा पार के रिश्ते
सुशील कुमार, मेरठ आइएसआइ का फैलता जाल पश्चिम उप्र को दहला सकता है। एजाज की गिरफ्तारी पहली वारदात
सुशील कुमार, मेरठ
आइएसआइ का फैलता जाल पश्चिम उप्र को दहला सकता है। एजाज की गिरफ्तारी पहली वारदात नहीं है, बल्कि 2012 में भी एसटीएफ ने पाकिस्तान के रहने वाले आइएसआइ एजेंट को पकड़ा था। हालांकि गतवर्ष भी पाक जासूस पकड़े गए, जो भारत के रहने वाले हैं। आइएसआइ का देश में फैलता जाल बड़े खतरे से खाली नहीं है।
आइएसआइ के लिए एजाज बड़ा मोहरा था। उसका पूरा परिवार आइएसआइ के कब्जे में है। बतौर उनके खर्च के लिए पाक एजेंसी प्रत्येक माह पचास हजार का भुगतान भी करती है। उससे पहले 2012 में एसटीएफ ने पाकिस्तान के रहने वाले आइएसआइ एजेंट को पकड़ा था। हालांकि 2014 में पूर्वा फैय्याज अली में रहने वाले आसिफ अली को आइएसआइ ने एजेंट बनाया था। उसके बाद तो कई सैनिक भी आइएसआइ की गिरफ्त में आकर जेल जा चुके है।
एजाज के लैपटॉप और मोबाइल में छिपे हैं राज : एजाज के कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल तथा 16 जीबी की पैन ड्राइव और दिल्ली मेट्रो का ट्रेवलर कार्ड भी पुलिस को काफी जानकारी देगा। हालांकि फोरेंसिक लैब के लिए एसटीएफ ने ऐजाज से बरामद सभी दस्तावेजों को सील कर दिया है। अब इस मामले की विवेचना इंस्पेक्टर सदर बाजार को सौंपी गई है।
ऐसे जुड़ा है आतंकी कनेक्शन :
-26 जनवरी 2010: रुड़की में पकड़ा गया असद। मेरठ में रहकर हासिल की भारतीय नागरिकता व पासपोर्ट।
-11 जनवरी 2010: आबूलेन में आइएसआइ एजेंट नासिर गिरफ्तार।
-13 जनवरी 2010: नासिर का साथी और नजीबाबाद निवासी आइएसआइ एजेंट मुकीम गुड़गांव से गिरफ्तार।
-03 अक्टूबर 2009: आगरा निवासी मेहरुन्निशा उर्फ ज्योति कोलकाता में गिरफ्तार। पूछताछ में कबूला, मेरठ में बनाए एक दर्जन एजेंट।
-12 सितंबर 2009: कानपुर में पकड़ा गया आइएसआइ एजेंट इम्तियाज। पूछताछ में मेरठी कनेक्शन कबूला।
-20 जनवरी 2009: बिना वीजा रह रही पाकिस्तानी नागरिक सोफिया गिरफ्तार।
-10 जनवरी 2009: कैंट में पकड़ा गया आइएसआइ एजेंट अमीर अहमद।