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मेरठ छावनी क्षेत्र में दबोचा पाक जासूस

मेरठ : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने मेरठ के छावनी क्षेत्र से पाक जासूस को दबोच लिया। एजाज न

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 02:02 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 02:02 AM (IST)
मेरठ छावनी क्षेत्र में दबोचा पाक जासूस

मेरठ : स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने मेरठ के छावनी क्षेत्र से पाक जासूस को दबोच लिया। एजाज नाम का यह जासूस पूरे देश में अपना नेटवर्क फैलाकर पाक खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आइएसआइ) के लिए सेना की गोपनीय जानकारी जुटा रहा था। ढाई साल पहले वह पाकिस्तान से बांग्लादेश के रास्ते कोलकाता होते हुए बरेली पहुंचा था। उसके पास से फर्जी प्रमाणपत्र व सैन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

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सदर बाजार थाने में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र श्रीवास्तव और सीओ अनित कुमार ने बताया कि मुखबिर एवं सर्विलांस की सूचना पर शुक्रवार दोपहर बाद तीन बजे कैंट स्टेशन पर दिल्ली जाने वाली ट्रेन में बैठे मोहम्मद एजाज उर्फ कलाम को एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। एजाज पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित इरफानाबाद के तारामंडी चौक का रहने वाला है। भारत में उसने अपना नाम एजाज से बदलकर मोहम्मद कलाम रख लिया। एजाज ने पूछताछ में बताया, 31 जनवरी 2013 को मोहम्मद कलाम नाम से उसका पासपोर्ट तैयार कर पाकिस्तान के इस्लामाबाद से ढाका भेजा गया, जहां प्रोबीन नामक व्यक्ति ने पासपोर्ट और दस्तावेज लेकर नदी के रास्ते उसे भारत-बांग्लादेश सीमा पार कराकर 09 फरवरी को कोलकाता (पश्चिम बंगाल) पहुंचा दिया, जहां उसकी मुलाकात मोहम्मद इरशाद निवासी मटीया बुर्ज, दक्षिण 24 परगना से हुई। इरशाद एवं उसके बेटे अशफाक ने अपने एक रिश्तेदार जहांगीर निवासी कसाईपाड़ा, कोलकाता के माध्यम से फर्जी भारतीय पहचान पत्र के साथ फर्जी दस्तावेज तैयार कराए गए। जिसमें जूनियर हाईस्कूल प्रमाण पत्र, वोटर कार्ड और राशन कार्ड बनाए गए। इसके बाद सेंट्रल बैंक में एकाउंट खुलवाया गया। कोलकाता के रईस के पास उसे वीडियो मिक्सिंग के लिए रख दिया, जहां पर उसकी मुलाकात बिहार के आरा जिले के अजीमाबाद गांव की आसमां से हुई। अक्टूबर 2014 में दोनों ने निकाह कर लिया। दो माह तक एजाज बिहार में आसमां के घर पर बतौर मेहमान बनकर रहा। दिसंबर में आइएसआइ की कॉल आने के बाद उसे बरेली भेज दिया। बरेली से मिराज के यमुना एक्सप्रेस-वे में उतरने का वीडियो आइएसआइ को भेजी। उसके बाद बरेली में ही वीडियो मिक्सिंग का काम करने लगा। वहीं से आधार कार्ड भी बनवा लिया। उसके बाद निरंतर आइएसआइ को भारतीय सेना की गुप्त जानकारी देना शुरू कर दिया। वह बरेली कैंट, एयरबेस एवं सुखोई-30 फाइटर जेट और रायवाला हरिद्वार कैंट से किसी सैन्य इकाई के मूवमेंट एवं पिथौरागढ़ स्थित माउंटेन ब्रिगेड से संबंधित जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के अफसरों को देता रहा। उसने बताया कि अब तक पांच लाख 80 हजार का भुगतान पाक एजेंसी से पा चुका है। माना जा रहा है कि एजाज के तार पूरे देश में जुड़े हुए हैं। वेस्ट यूपी में भी उसका बड़ा नेटवर्क है। मोबाइल के जरिए ही पाक को मेल और अन्य मैसेज करता था। एसटीएफ की टीम ने एजाज के कब्जे से भारतीय सेना के गोपनीय दस्तावेज, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, बरेली का आधार कार्ड, पाकिस्तानी पहचान पत्र, सऊदी रियाल व नेपाली करेंसी, लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद कर सदर बाजार थाने में मुकदमा कायम करा दिया।


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