अवैध निजी वर्कशॉप में करोड़ों के ट्रांसफार्मर मिले
मेरठ : पावर कारपोरेशन के करोड़ों की कीमत के सरकारी ट्रांसफार्मर निजी हाथों में हैं। शामली में मंगलवार
मेरठ : पावर कारपोरेशन के करोड़ों की कीमत के सरकारी ट्रांसफार्मर निजी हाथों में हैं। शामली में मंगलवार को तीन दुकानों पर करोड़ों रुपये कीमत के 12 सरकारी ट्रांसफार्मर रिपेयर होते पकड़े गए। रिपेयर करने वाले तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं, एमडी विजय विश्वास पंत ने पश्चिमांचल के सभी 14 जनपदों में ऐसी निजी वर्कशाप की तलाश करके कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
फुंके हुए पावर कारपोरेशन के ट्रांसफार्मर को नियमानुसार विभाग की वर्कशाप में भी ठीक किया जा सकता है। अथवा विभाग के माध्यम से प्राप्त ट्रांसफार्मर को अधिकृत एजेंसी रिपेयर कर सकती है, लेकिन पश्चिमांचल में करोड़ों के ट्रांसफार्मर निजी हाथों में हैं। यहां 14 जनपदों में न जाने कितनी निजी वर्कशाप खोलकर सरकारी ट्रांसफार्मरों की रिपेयर की जा रही है। ऐसी सूचनाएं एमडी को मिल रही थी। इसके चलते उन्होंने गुप्त जांच के आदेश अफसरों को दिए थे। मुजफ्फरनगर के एक्सईएन स्टोर दिनेश अग्रवाल को जांच के दौरान मंगलवार को शामली जनपद के थानाभवन कस्बे के पास हाइवे पर कादरगढ़ गांव में तीन दुकानों पर 12 सरकारी ट्रांसफार्मर खुलेआम रिपेयर होते मिले। आनन-फानन में टीमें मेरठ से वहां पहुंच गई। जांच में संजय पुत्र जयपाल निवासी टांडा व अजब सिंह पुत्र रामपाल निवासी गुनियाजुड्डी की दुकान पर कुल पांच ट्रांसफार्मर (100 केवीए, 25 व 10 केवीए के एक एक तथा 63 केवीए के दो) खुले मिले। वहीं जोगिंद्र पुत्र अज्ञात की दुकान पर सात बड़े ट्रांसफार्मर (25 केवीए के तीन, 63केवीए के तीन तथा 16 केवीए का एक) रिपेयर होते मिले। टीम ने सभी ट्रांसफार्मर को जब्त करके थाना थानाभवन पुलिस के हवाले कर दिया। साथ ही तीनों दुकान मालिकों के खिलाफ थानाभवन बिजलीघर के जेई गुरदयाल सिंह की ओर से मुकद्मा दर्ज कराया है। कार्रवाई के दौरान मेरठ से एसई स्टोर विराग बंसल, एसई शामली एसके बघेल, एक्सईएन विजयपाल, एक्सईएन वर्कशाप दिनेश अग्रवाल, एक्सईएन स्टोर राकेश कुमार के साथ तमाम अधिकारी शामिल रहे। अवैध वर्कशॉप बरामद होने से एमडी पश्चिमांचल खासे नाराज हैं। उन्होंने पश्चिमांचल के सभी 14 जनपदों में ऐसी वर्कशाप की तलाश करके उन्हें चलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं।
रिपेय¨रग के नाम पर चुरा लेते हैं कॉपर
ट्रांसफार्मर की रिपेयर के नाम पर इन अवैध निजी वर्कशॉप में उसके भीतर से कॉपर चुरा लिया जाता है। जिससे उनकी क्षमता कम हो जाती है और वे जल्दी फुंक जाते हैं। इस खेल से विभाग को हर साल करोड़ों रुपये की चपत लगती है। लंबे समय से वर्कशाप में निर्धारित से कम वजन के ट्रांसफार्मर आने से अफसर परेशान थे। अफसरों का कहना है कि ये लोग स्थानीय लोगों को कम पैसे में ट्रांसफार्मर की रिपेयर करने का लालच देते थे। लिहाजा लोग बिना विभाग को सूचना दिए ही ट्रांसफार्मर को उतारकर इन्हें सौंप देते थे। एमडी विजय विश्वास पंत ने बताया कि बरामद ट्रांसफार्मर के यूनिक आइडी नंबर से उनकी यह पहचान कर ली जाएगी कि वह किस गांव अथवा उपभोक्ता को आवंटित किया गया था। इन लोगों के खिलाफ भी सरकारी संपति को क्षति पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
वर्कशाप और स्टोर की लेटलतीफी पर भी नजर
पश्चिमांचल में स्थापित विभाग के स्टोर और वर्कशाप में लेटलतीफी और मनमानी की जाती है। जिससे उपभोक्ता, किसान व नागरिक परेशान रहते हैं ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं। जिनकी गोपनीय जांच कराई जा रही है। विभागीय लेटलतीफी के कारण ही जनता ऐसे लोगों के झांसे में जनता आ जाती है।