Move to Jagran APP

स्पिक मैके : मणिपुरी नृत्य में झलकी नॉर्थ ईस्ट की खूबसूरती

मेरठ : देश में कई राज्य हैं। हर राज्य की अलग परंपरा है। संगीत है। कला है। लोकनृत्य है। अलग-अलग भाषाए

By Edited By: Published: Thu, 08 Oct 2015 02:20 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2015 02:20 AM (IST)
स्पिक मैके : मणिपुरी नृत्य में झलकी नॉर्थ ईस्ट की खूबसूरती

मेरठ : देश में कई राज्य हैं। हर राज्य की अलग परंपरा है। संगीत है। कला है। लोकनृत्य है। अलग-अलग भाषाएं हैं। लेकिन इन सबको एक करने का काम संगीत ही करता है। अनेकता में एकता का संदेश देने वाला भारतीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य पीढि़यों से होते हुए नई पीढ़ी तक पहुंचता रहा है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए स्पिक मैके के विरासत कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूलों में पढ़ रही नई पीढ़ी को भारतीय संगीत के साथ भारतीय परंपरा का दर्शन कराया जा रहा है।

loksabha election banner

बुधवार को बागपत रोड स्थित विद्या ग्लोबल स्कूल में छात्र उत्तर-पूर्वी भारत के मणिपुरी नृत्य से रूबरू हुए। नृत्यांगना बिम्बावती देवी ने संगीत व नृत्य के माध्यम से नई पीढ़ी को नॉर्थ-ईस्ट की संस्कृति व सभ्यता से अवगत कराया।

नृत्यांगना ने छात्रों को मणिपुर की संस्कृति के बारे में बताते हुए वहां के नृत्य की बारीकियों को बताया। साथ ही देश के नॉर्थ-ईस्ट की सुंदरता से भी अवगत कराया, जिससे छात्र उन इलाकों के बारे में भी जान सकें। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपनी प्रस्तुति से नृत्य व संगीत से शिक्षा व जीवन में मिलने वाले लाभ से भी छात्रों को अवगत कराया।

संस्थान के प्रबंध निदेशक सौरभ जैन का कहना है कि युवा वर्ग को हमारी संस्कृति से जोड़ने के लिए उठाए गए इस कदम से जुड़ना सौभाग्य की बात है। कार्यक्रम का संचालन डीन स्टूडेंट अफेयर्स रोहित खोखर व स्कूल के प्रधानाचार्य स्वप्ना आफले ने अतिथियों का अभिनंदन किया। इसके साथ ही बाइपास स्थित एमआइईटी इंजीनिय¨रग कालेज में भी मणिपुरी नृत्य का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

गायन की बारीकियां बताईं

व स्ट एंड रोड स्थित मेरठ पब्लिक स्कूल में बुधवार को स्पिक मैके विरासत के तहत विदुशी अराति अंकालिकर ने छात्रों को शास्त्रीय संगीत से रूबरू कराया। उन्होंने छात्रों को सुर व स्वर से परिचित कराने के साथ ही अपने साथ गाने का भी अवसर दिया। साथ ही उन्होंने छात्रों को गायन की बारीकियां भी बताई और छात्रों को शास्त्रीय संगीत से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों के गायन संबंधी सवालों के जवाब भी दिए और अपनी जिज्ञासाओं को शांत भी किया। प्रधानाचार्य संजीव कुमार ने उपस्थिति कलाकारों का अभिनंदन किया। प्रबंध निदेशक विक्रमजीत सिंह शास्त्री ने छात्र-छात्राओं को आश्वासन दिया कि भविष्य में भी ऐसे संगीतमय कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे।

आज यहां होंगे कार्यक्रम

ग रुवार को विरासत के अंतर्गत दो स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बांसुरी वादक पंडित राजेंद्र प्रसन्ना दीवान पब्लिक स्कूल जागृति विहार में छात्रों को बांसुरी की बारीकियों से परिचित कराएंगे। वहीं मेरठ पब्लिक ग‌र्ल्स स्कूल शास्त्रीनगर में विदुशी बिम्बावती देवी मणिपुरी नृत्य प्रस्तुत करेंगी।

----------

परमात्मा से मिलाता है नृत्य : नृत्यांगना बिम्बादेवी

म रठ : भारतीय पारंपरिक नृत्य से दूर होती नई पीढ़ी में अधिकतर लोगों के जहन में नृत्य का मतलब वेस्टर्न डांस ही होता है, जबकि ऐसा है नहीं। नृत्य एक ऐसी कला है, जिसमें परमात्मा से मिलाने की क्षमता है। इसमें ध्यान केंद्रित होता है। आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्तित्व में निखार आता है। यह कहना है स्पिक मैके कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चों को मणिपुरी नृत्य से रूबरू करा रहीं नृत्यांगना बिम्बावती देवी का। वे कहती हैं कि गाने सुनना ही संगीत नहीं है। संगीत नृत्य, वादन व गीत से मिलकर बना है। उनका कहना है कि नई पीढ़ी को देश की परंपरा के नजदीक लाने के लिए स्कूलों में भारतीय संगीत व नृत्य को बढ़ावा मिलना चाहिए। नृत्यांगना को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा अपने पिता से मिली थी। उनके पिता मणिपुर में नृत्य गुरु थे। वहीं उनकी माता कोलकाता स्थित रविंद्र भारती विश्वविद्यालय में संगीत विभाग में विभागाध्यक्ष थीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.