रोडवेज के चक्का जाम से यात्री हुए हलकान
मेरठ : रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल के विरोध में बुधवार को रोडवेज बसों का चक्का जाम रहा। मंगलवार र
मेरठ : रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल के विरोध में बुधवार को रोडवेज बसों का चक्का जाम रहा। मंगलवार रात 12 बजे के बाद से रोडवेज की तीनों यूनियनों ने बसों के संचालन को रोक दिया। एहतियात की दृष्टि से सुबह बसों को वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया। ऐसे में बस अड्डा पूरी तरह से सुनसान हो गया।
रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल का कामगार संगठनों ने मंगलवार को विरोध किया। रोडवेज में कर्मचारी संगठन यूपी रोडवेज इम्पलाइज यूनियन, श्रमिक समाज कल्याण संघ व सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ ने मंगलवार रात 12 बजे से ही चक्का जाम कर दिया। देर रात तो कुछेक बसों का संचालन हुआ, लेकिन सुबह से बसों का संचालन बिल्कुल ठप कर दिया गया। तीनों संगठनों से ड्राइवर, कंडक्टर व मैकेनिक समेत तीन हजार रोडवेज कर्मचारी काम से विरत रहे। बस अड्डे व वर्कशॉप में जहां-तहां बैठकर लूडो व ताश आदि के जरिए समय बिताया। कर्मचारी नेता सुहैल अहमद, भारत भूषण, वीरेंद्र सिंह व गुलशाद अली ने बिल को मजदूर विरोधी बताते हुए कर्मियों को बिल की खामियां बताई। कहा कि दुर्घटना पर ड्राइवर से धनराशि वसूलकर पीड़ित परिवार को देने, रेड सिग्नल तोड़ने पर भारी जुर्माना समेत अनेक प्रावधान दमनकारी हैं।
बसों के चक्का जाम से यात्री हलकान हो गए। सफर तय करने के लिए यात्री सवारियां ढूंढते रहे। वहीं बसों की हड़ताल का फायदा डग्गामारों ने जमकर उठाया। बस अड्डों के बाहर, मुख्य चौराहे व मार्गाे से डग्गामार वाहन दिनभर चले। ऐसे में दिल्ली का किराया 150 से 200 रुपये तक वसूला गया। दिल्ली से भैंसाली बस अड्डे आए विक्रम सिंह, नीलू, जुबैद आदि ने कहा कि मुंहमांगा किराया डग्गेमार वाहन संचालक वसूल रहे हैं। मजबूरी में यात्रियों को यह वहन करना पड़ रहा है। उधर, अनुमान के मुताबिक, करीब 70 लाख रुपये का फटका रोडवेज को एक ही दिन में लगा। निगम की बसों के साथ ही जेएनएनयूआरएम की सिटी बसें व अनुबंधित बसों के भी पहिए थमे रहे।