पहले शराब पिलाई फिर मार डाला
खरखौदा (मेरठ) : चंदपुरा निवासी व्यवसायी अजय ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उन्हें मौत के घाट उतारा ग
खरखौदा (मेरठ) : चंदपुरा निवासी व्यवसायी अजय ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि उन्हें मौत के घाट उतारा गया था। उन्हें अगवा कर चाकुओं से गोदकर मारा गया। हत्या को आत्महत्या दर्शाने को सुसाइड नोट लिखवाया गया और पेड़ पर लाश लटका दी गई। शनिवार को गिरफ्तार हुए एक आरोपी ने ही इस बात खुलासा किया है।
चंदपुरा निवासी अजय शर्मा पुत्र जयकिशन कस्बा स्थित दुकान से 16 अगस्त को अचानक लापता हो गये थे। इस के तीन दिन बाद 19 अगस्त को उनका शव भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव भरजन में पेड़ पर लटका मिला था। भोजपुर एसओ ब्रिजेश शर्मा ने इसे आत्महत्या बताकर जांच बंद कर दी थी। व्यवसायी के परिजन व ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने हत्या बताते हुए थाने का घेराव कर रोड जाम किया था। एसओ पीयूष दीक्षित ने बताया कि मोबाइल काल व मजबूत सुरागकसी के चलते शनिवार शाम उलधन रोड से उनकी अगुवाई में दारोगा शिवदत्त ¨सह, सिपाही अजय सोलंकी आदि ने अफजाल पुत्र अबरार निवासी तोड़ी को दबोच लिया। पूछताछ में पहले नकारता रहा और सख्ताई पर टूट गया। हत्या स्वीकार करते हुए बताया कि अगवा करने से दो दिवस पूर्व अजय से लोअर को लेकर आबिद पुत्र मोहब्बत और आस मोहम्मद निवासी तोड़ी का विवाद हो गया था। जहां दोनों ओर से एक दूसरे को देखने की धमकी दी गई थी। आखिर आबिद और आसमोहम्मद ने हत्या की ठान ली। उसके साथ गांव के नईम पुत्र जीवन, जावेद पुत्र छोटे को साथ मिलाकर रात भर गांव फफूंडा में बिताई और सुबह चार बजे कॉल कर दुकान पर आने का समय पूछ लिया। तयशुदा समय पर किराए पर ली गयी कार से दुकान के पास पहुंचे और उसे बुलाकर कार में बैठाया। पहले तमंचे के बल पर व्यवसायी को शराब पिलाई और बेहोशी की हालत में सुसाइड नोट लिखवा कर गले व पेट पर चाकू से वार कर हत्या कर दी। आत्महत्या दर्शाने के लिए लिखाए गये सुसाइड नोट को जेब में रखा और लाश पेड़ पर लटका दी। जबकि मृतक का फोन और पैसे भी उसी की जेब में रहने दिए। पुलिस ने आबिद व आसमोहम्मद की गिरफ्तारी को दबिश दी, लेकिन हत्थे नहीं चढ़े। पुलिस के मुखातिब हुए अफजाल ने दबंगई के जनून में हत्या करने की बात बताई। वहीं, म़ृतक के ताऊ मंगू शर्मा ने कहा कि उसके भतीजे का किसी से विवाद नहीं हुआ। उसका भाई हमेशा साथ ही रहता था। पुलिस ने लोअर का विवाद बताकर हत्या का खुलासा कर दिया। सवाल बहुत है, जिनका जवाब नहीं। अनपढ़ व ढाई सौ रुपये प्रतिदिन की मजदूरी करने वाले जिसके घर खर्च भी उसी पैसे से चलता था, उन्होंने इतनी दूर कि कैसे सोच ली कि सुसाइड नोट लिखवाया और फिर आत्महत्या दर्शाने के लिए पेड़ पर लाश को लटका दिया। इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की बू आ रही है। आखिर वैन सवार कौन था उसका नाम भी पकड़े गये अफजाल ने नहीं बताया। और वसीम नाम का शख्स कौन था, यह भी साफ नहीं है।
विश्वसनीय नहीं रही पोस्टमार्टम रिपोर्ट?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अजय की आत्महत्या दर्शाई गई, जबकि अफजाल ने चाकू के वार से हत्या होने की बात स्वीकार की। वहीं हत्या से पहले ही शराब पिलाने की बात कही।