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बहनों पर जेल प्रशासन ने भांजी लाठियां

मेरठ : रक्षाबंधन के त्योहार पर जेल में बंदियों को राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में उनकी बहनें जिला

By Edited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 01:38 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 01:38 AM (IST)
बहनों पर जेल प्रशासन ने भांजी लाठियां

मेरठ : रक्षाबंधन के त्योहार पर जेल में बंदियों को राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में उनकी बहनें जिला कारागार पहुंचीं। जेल प्रशासन के उचित व्यवस्था न करने पर गर्मी से बेहाल बहनें गेट की जगह चारदिवारी कूदकर अंदर घुसने लगीं। इस पर बंदीरक्षकों ने उन पर लाठियां भाजीं। जेल में महिला पुलिस की व्यवस्था भी नहीं की गई थी।

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रक्षा बंधन का मुहूर्त 1.51 बजे दोपहर बाद का था। इसके बाद भी चौधरी चरण सिंह जिला कारागार पर बहनें 10 बजे से एकत्र होनी शुरू हो गई थीं। बहनों की बड़ी संख्या होने के बावजूद पर्ची के लिए मात्र तीन स्थान बनाकर बंदीरक्षकों को दिए गए थे। जेल प्रशासन ने कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की थी जिससे आराम से बहनें अपने बंदी-कैदी भाइयों से मिल सकें। पर्ची बनने के बाद आठ सौ से एक हजार के समूह में उन्हें बाहरी गेट से अंदर भेजा जा रहा था। हर समूह के अंदर जाने के बाद बंदी रक्षक गेट बंद कर ले रहे थे। इससे बड़ी संख्या में बहनें बाहर रह गई और घंटों गेट नहीं खुला तो वे चारदिवारी कूदकर अंदर घुसने लगीं। बंदी रक्षकों ने उन्हें रोकना चाहा, लेकिन वे नहीं मानीं। फिर बंदी रक्षकों ने बहनों पर लाठी चला दी, जिससे उनमें भगदड़ मच गई। बाद में बहनों को जेल के अंदर बुलाया गया।

फोटो स्टेट के नाम पर वसूली

मेडिकल थाने की जेल पुलिस चेकपोस्ट पर फोटो स्टेट के लिए प्रिंटर रखा हुआ था। बंदी-कैदी भाइयों से मिलने आई बहनें अपने-अपने पहचान पत्र की फोटो स्टेट करा रही थीं। प्रत्येक फोटो स्टेट के लिए बहनों से 10 रुपये वसूले जा रहे थे। पर्ची बना रहे सिपाहियों ने भी कुछ गुर्गे रखे थे जो जल्द पर्ची बनवाने के नाम पर बहनों से 50 से 100 रुपये तक वसूल रहे थे। इन गुर्गो को बंदी रक्षक तत्काल ही नंबर चढ़ा देते थे।

गर्मी से बेहोश हुई कई बहनें

करीब तीन हजार बहनें परिजनों के साथ भाइयों को रखी बांधने कारागार पहुंची थीं। जेल प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था न होने के चलते कई बहनें गर्मी से बेहोश हो गई। इन्हें तीन बार लाइन लगाना पड़ा।

अपराध छोड़ने की दिलाई शपथ

शनिवार को कैदियों-बंदियों से मुलाकात पर प्रतिबंध रहता है, लेकिन जेल प्रशासन ने रक्षा बंधन के त्योहार पर मुलाकात कराई। कई बहनों ने अपने-अपने भाइयों को दोबारा अपराध न करने की शपथ तक दिलाई।


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