ऐसे में कैसे करें धरती के भगवान पर भरोसा
मेरठ : ¨हदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता साध्वी प्राची से मिलने पहुंचे तो इमरजेंसी वार्ड के पास लावारिस
मेरठ : ¨हदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता साध्वी प्राची से मिलने पहुंचे तो इमरजेंसी वार्ड के पास लावारिस लाश देखी। मृतक के हाथ में कैनुला लगा हुआ था। शरीर पर मरीज की ड्रेस भी थी। लेकिन कोई पूछने वाला नहीं। चिकित्सकों समेत इमरजेंसी के स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया। इधर, विश्वविद्यालय समेत तमाम महाविद्यालयों के छात्र बड़ी संख्या में जुट गए।
पहले गए, फिर आए प्राचार्य
विवि छात्रों और हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने लाश के साथ अमानवीयता को लेकर प्राचार्य आफिस पर जमकर हंगामा किया। छात्रों के आने की सूचना पाकर प्राचार्य आफिस से पहले ही खिसक लिए। आफिस में घंटों तक भीड़ जमा रही। कहा कि प्राचार्य के आने के बाद ही वह आफिस से हटेंगे। इसी बीच पुलिस भी पहुंच गई। तभी डा. अजीत चौधरी ने प्राचार्य को फोन किया, और वह थोड़ी देर बाद आफिस आ गए। उनके पहुंचते ही छात्र आक्रामक हो गए। इमरजेंसी वार्ड के पीछे लाश मिलने के प्रश्न पर प्राचार्य पूरी तरह घिर गए। उन्होंने डाक्टरों की गलती मानते हुए दोषियों पर कड़ी कारवाई का भरोसा दिया।
नाराज प्राचार्य ने लगाई फटकार
छात्रों के हंगामे के बाद प्राचार्य डा. केके गुप्ता ने आपात बैठक बुलाई। इसमें सभी विभागाध्यक्ष एवं पैरामेडिकल स्टाफ भी पहुंचा। प्राचार्य ने स्टाफ को कड़ी फटकार लगाई। कहा कि जांच कर दो दिन में रिपोर्ट दी जाए। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में मेडिकल कालेज प्रशासन
करीब 50 वर्षीय अज्ञात मरीज 29 तारीख को सुबह साढ़े आठ बजे बेसुध हालत में भर्ती किया गया था। उसे आईटी वार्ड में डा. टीवीएस आर्या की देखरेख में रखा गया। स्टाफ का कहना है कि मरीज ने 30 तारीख को अपना नाम भी बताया, और रजिस्टर में अंगूठा लगाकर खुद ही चला गया। किंतु इसके बाद मरीज तीन दिनों तक कहां रहा, और उसे कैथेटर कैसे लगा रहा? मरीज का नाम मेडिकल प्रशासन छुपाने पर आमादा रहा। आखिर मरीज की मौत कैंपस में हुई या बाहर। इन सवालों में मेडिकल कालेज बुरी तरह घिर गया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वह मानवाधिकार आयोग का भी दरवाजा खटखटाएंगे।
इनका कहना है
वाकई अत्यंत शर्मनाक घटना है। दो सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो दो दिनों में जांच रिपोर्ट सौंप देगी। दोषी पर कड़ी कारवाई तय है।
-डा. केके गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कालेज
मरीज मेरी देखरेख में आईटी वार्ड में 29 को भर्ती कराया गया था। मुझे याद नहीं कि इस मरीज को देखा था या नहीं। पता चला कि यह 30 तारीख को परमीशन लिए बिना भाग गया।जांच में सहयोग किया जाएगा।
-डा. टीवीएस आर्या, विभागाध्यक्ष, मेडिसिन
मरीज 29 तारीख को सुबह 8.20 बजे 108 एंबुलेंस से इमरजेंसी लाया गया था। कमजोरी की वजह से कुछ बोल नहीं पा रहा था, जिसे अज्ञात मरीज के रूप में दाखिल कर आइटी वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
-डा. अजीत चौधरी, सीएमओ।