'अमृत' से होगा मेरठ शहर का कायाकल्प
मेरठ : जेएनएनयूआरएम के बाद अब केंद्र सरकार की अमृत योजना से शहरों का कायाकल्प होगा। वर्ष 2022 तक शहर
मेरठ : जेएनएनयूआरएम के बाद अब केंद्र सरकार की अमृत योजना से शहरों का कायाकल्प होगा। वर्ष 2022 तक शहर के प्रत्येक व्यक्ति के पास अपनी छत होगी। स्वच्छ भारत के बनाने के लिए शहर में एक से अधिक कूड़ा निस्तारण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक मकान में शौचालय सुनिश्चित किया जाएगा। शहर में भी स्थान-स्थान पर सुलभ शौचालय होंगे।
हाल ही में लखनऊ में प्रदेश के सभी नगर निगमों के नगर आयुक्तों की कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसमें कोरिया से आए एक्सपर्ट ने केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्हें कुशलतापूर्वक संचालित करने के गुर सिखाए। नगर आयुक्त एसके दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम योजना के स्थान पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नाम पर अमृत योजना शुरू की है। इसके तहत पूरे शहर को सीवर लाइन से जोड़ना है। ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने के लिए शहर के तीनों बड़े नालों को जोड़कर उनके पानी के ट्रीटमेंट के लिए प्लांट स्थापित करने की 250 करोड़ की योजना तैयार की गई है। शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए केवल एक नहीं, बल्कि कई कूड़ा निस्तारण प्लांट स्थापित किए जाएंगे। 2022 तक शहरों में प्रत्येक परिवार को अपना मकान उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले लोगों को निशुल्क मकान बनाकर दिए जाएंगे। बीपीएल से अधिक आय वाले लोगों को मकान बनाने के लिए ऋण दिया जाएगा। उक्त राशि पर 6.5 फीसदी ब्याज भारत सरकार देगी जबकि 2.5 फीसदी ब्याज लाभार्थी को देना होगा। सरकारी जमीनों पर लंबे समय से कब्जा करके मकान बनाकर रह रहे लोगों को वहीं पर मकान बनाकर दिए जाएंगे। आवास विकास और प्राधिकरण भी गरीबों के लिए मकान बनाकर देंगे। गरीबों के लिए सस्ते मकान बनाने पर बिल्डरों को भी भारत सरकार एक लाख की मदद प्रत्येक मकान पर देगी। प्रत्येक मकान में शौचालय उपलब्ध कराया जाएगा तथा शहर में अधिक से अधिक स्थानों पर सुलभ शौचालय बनवाए जाएंगे। नगर आयुक्त ने बताया कि उक्त सभी योजनाओं से शहर का कायाकल्प होगा।