हैजा का अस्पताल में अब नहीं होगा इलाज
मेरठ : किसी समय शहर के लोगों के छोटे से लेकर बड़े से बड़े रोग का इलाज करने वाले संक्रामक रोग अस्पताल (
मेरठ : किसी समय शहर के लोगों के छोटे से लेकर बड़े से बड़े रोग का इलाज करने वाले संक्रामक रोग अस्पताल (हैजा का अस्पताल) में अब इलाज नहीं होगा। दस साल से इसका भवन खंडहर बना है, जिसमें चिकित्सक भी नहीं है। यहां तैनात स्टॉफ खाली हाथ बैठा था। उक्त सात लोगों को नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने अन्य विभागों में तैनात कर दिया है। जिसके साथ ही संक्रामक रोग अस्पताल फिलहाल जनता के लिए बंद हो गया है।
मेरठ शहर में नगर पालिका के समय से जिला अस्पताल के बाद संक्रामक रोग अस्पताल ही एकमात्र अस्पताल था जिसमें शहर की जनता के छोटे से लेकर गंभीर रोगों का इलाज किया जाता था। लोग इसे हैजा का अस्पताल कहते थे। हैजा का प्रकोप कम होने पर यह सामान्य अस्पताल की तरह काम करने लगा था। लेकिन नगर निगम ने इसके विस्तार का प्रयास नहीं किया। इस अस्पताल की लंबी-चौड़ी जमीन का भी सदुपयोग नहीं किया गया। लेकिन यहां पेयजल की टंकी, नलकूप तथा जलकल विभाग का स्टोर बना दिया गया। लापरवाही में अस्पताल का भवन गिर गया। उसका खंडहर लगभग दस साल से पड़ा है। फिलहाल इसे परिसर में रेन बसेरे में स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन चिकित्सक की तैनाती न होने के कारण इसका कोई लाभ लोगों को नहीं मिल सका। यहां तैनात स्टाफ भी लंबे समय से खाली हाथ बैठा है।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. प्रेम सिंह ने बताया कि यहां मरीज नाममात्र के ही आते हैं। उनका भी इलाज नहीं हो पाता। यहां तैनात सात लोगों के स्टाफ का भी उपयोग नहीं हो पा रहा था। लिहाजा उक्त स्टाफ को अन्य विभागों में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि चपरासी को साकेत होम्योपैथी डिस्पेंसरी में, महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग में तथा सफाई कर्मचारी को जली कोठी क्षेत्र में तैनात किया गया है। फार्मासिस्ट हाल ही में सेवानिवृत हो गया है। चौकीदार को भी अन्य स्थान पर तैनाती दे दी गई है। इसके साथ ही नगर आयुक्त को भी इस संबंध में रिपोर्ट भेजकर अवगत करा दिया गया है। भविष्य में यदि उक्त अस्पताल को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा तो उसी के मुताबिक कार्य होगा।
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अस्पताल बंदी का विरोध
अस्पताल को बंद कर देने का शनिवार को क्षेत्रीय लोगों ने विरोध किया। सपा शहर विधानसभा अध्यक्ष विपिन मनोठिया व दिनेश कोरी महासचिव के नेतृत्व में लोगों ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर अस्पताल का सुधार करके इसका संचालन जारी रखने की मांग की।
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इन्होंने कहा..
संक्रामक रोग अस्पताल में अब मरीज नहीं आते हैं। केवल स्टाफ वहां तैनात था, जिसका उपयोग नहीं हो पा रहा था। नगर निगम के अस्पताल और डिस्पेंसरी का निरीक्षण करके इनके सदुपयोग की योजना तैयार की जाएगी।
एस के दुबे, नगर आयुक्त।