अभी 2418 हेक्टयर का मुआवजा ही नहीं बांटा
मेरठ: मेरठ में 4808.297 हेक्टेयर भूमि पर की गई खेती अतिवृष्टि-ओलावृष्टि में ज्यादा प्रभावित हुई थी।
मेरठ: मेरठ में 4808.297 हेक्टेयर भूमि पर की गई खेती अतिवृष्टि-ओलावृष्टि में ज्यादा प्रभावित हुई थी। इतनी ही भूमि का मुआवजा मेरठ में मिलना था, लेकिन अब तक 2418 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा बंटा ही नहीं। बुधवार को मेरठ तहसील का दौरा करने और वहां से आंकड़े हासिल करने के बाद ये बातें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहीं।
बाजपेयी ने आरोप लगाया कि पहले 12 हजार 20 लोगों को ही चिह्नित किया गया था, लेकिन भाजपा के हल्ला मचाने के बाद जिला स्तरीय अधिकारियों को काम पर लगाया गया और आंकड़ा 21 हजार तक पहुंचा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब भी मुआवजे बंटवारे में भारी अनियमितता है। मेरठ में कई ऐसे लोग हैं, जिनकी जमीन नहीं, उन्हें मुआवजा दे दिया गया है जबकि हकदार आज भी मुआवजे की आस में बैठा है। मुजफ्फरनगर में तो 25 करोड़ मुआवजा बंटा है, लेकिन मेरठ में साढ़े तीन करोड़ ही बंटा है। इतने भारी अंतर का जवाब देना होगा।
उन्होंने कहा कि पार्टी अपने स्तर से औचक रूप से तहसीलों से रिकॉर्ड लेगी और जल्द ही पूरे प्रदेश में मुआवजा बांटने का प्रदेश सरकार का सच उजागर किया जाएगा।