16 गवाह, 6 साल, तीन बहस और उम्रकैद
मेरठ : प्रेम प्रयाग कालोनी में रिटायर्ड जेई और उनकी पत्नी के कत्ल में छह साल बाद कोर्ट ने आखिरकार
मेरठ : प्रेम प्रयाग कालोनी में रिटायर्ड जेई और उनकी पत्नी के कत्ल में छह साल बाद कोर्ट ने आखिरकार बेटी प्रियंका और उसकी सहेली अंजू को दोषी करार दिया। इस दौरान करीब दो साल में 16 गवाहों की कोर्ट में गवाही के बाद दोनों को कोई राहत नहीं मिली। आखिरकार, गुरुवार को दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
रिटायर्ड जेई प्रेमवीर और उनकी पत्नी संतोष हत्याकांड में जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल तोमर, अधिवक्ता कृष्ण पहल, प्रमोद त्यागी और कृपाल सिंह वादी पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे थे। जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि इस केस में कोर्ट में दोनों हत्यारोपी सहेलियों अंजू व प्रियंका के खिलाफ 19 मई 2009 को आरोप तय किए गए थे। पहले गवाह वादी पदम सिंह थे। उनकी गवाही 30 जुलाई 2009 को कोर्ट में हुई थी। इसके बाद मेडिकल थाने के तत्कालीन एसओ आरवी कौल की गवाही 17 सितंबर 2011 को हुई। फिर 17 अक्टूबर को कोर्ट में दोनों आरोपी अंजू व प्रियंका के बयान हुए। 16 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज हुए। करीब छह साल की कानूनी लड़ाई के बाद मई माह में डबल मर्डर की फाइल जिला जज कोर्ट पहुंची। यहां आठ मई, 12 मई और 15 मई को दोनों पक्षों के वकीलों के बीच जिरह हुई। इस दौरान अंजू व प्रियंका के खिलाफ 285 पन्नों में सबूतों का दस्तावेज कोर्ट में पेश किया गया।
ये बने थे केस में गवाह
1. पदम सिंह(प्रियंका के मौसा और केस के वादी एवं गवाह)
2. गौरव (प्रियंका का भाई)
3. डा. नरेंद्र कुमार(मृतक प्रेमवीर और संतोष का पोस्टमार्टम करने वाले सरकारी डाक्टर)
4. हेड कांस्टेबल सुरेंद्र पाल(मुकदमा दर्ज करने वाला पुलिसकर्मी)
5. दारोगा कृष्णवीर(मृतक दंपति का पंचायतनामा भरने वाला पुलिस अधिकारी)
6. कांस्टेबल किरण(मौके पर पहुंची महिला पुलिसकर्मी)
7. कांस्टेबल पवन सिंह(अंजू-प्रियंका की घर में घुसने के दौरान पहचान करने वाला पुलिसकर्मी)
8. कांस्टेबल तेजपाल (अंजू-प्रियंका की घर में घुसने के दौरान पहचान करने वाला फैंटम पुलिसकर्मी)
9. मंजू(प्रियंका की मौसी)
10. दारोगा अमन सिंह(अंजू-प्रियंका से डकैती का माल बरामद करने वाला पुलिसकर्मी)
11. राजीव सक्सेना(इनकी आइडी पर फर्जी तरीके से सिम लेकर अंजू-प्रियंका द्वारा चलाया जा रहा था)
12. रमेश चंद(बीएसएनएल के मंडलीय अभियंता, जिन्होंने अंजू-प्रियंका के फोन की सीडीआर उपलब्ध कराई)
13. पवन सिंह(आइडिया कंपनी के नोडल अधिकारी जिन्होंने प्रियंका के फोन का ब्यौरा दिया)
14. रामआसरे(इनके डीएल पर अंजू-प्रियंका द्वारा सिम लेकर प्रयोग किया जा रहा था)
15. दारोगा राकेश कुमार(एसओजी के तत्कालीन प्रभारी)
16. एसओ आरवी कौल(केस के विवेचक और तत्कालीन मेडिकल थाना प्रभारी)
कोई रिश्तेदार नहीं आया कोर्ट
अंजू-प्रियंका को गुरुवार को सजा सुनाई गई। इस केस में अंजू-प्रियंका के खिलाफ कई गवाह प्रियंका के परिवार के लोग ही थे। गुरुवार को भी फैसले वाले दिन कोई रिश्तेदार कोर्ट नहीं पहुंचा था। अंजू-प्रियंका के साथ गंगानगर निवासी एक युवक दिखाई दिया। युवक ने बताया कि अंजू-प्रियंका सप्ताह पूर्व मिली थीं और बताया कि केस में सजा हो सकती है। ऐसे में घर और सामान का ध्यान रखने के लिए कहा था, इसलिए साथ आया हूं।