हाईकोर्ट की अवमानना में फंसे नगर आयुक्त
मेरठ : शहर की सड़कों पर रखे ट्रांसफार्मर तथा जेनरेटरों को नगर आयुक्त ने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नह
मेरठ : शहर की सड़कों पर रखे ट्रांसफार्मर तथा जेनरेटरों को नगर आयुक्त ने हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं हटवाया। अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने उन्हें दो महीने में कार्रवाई करके रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ सीधे अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई कर दी जाएगी। इस केस में कमिश्नर, डीएम, एमडी पश्चिमांचल और एमडीए वीसी भी पार्टी बनाए गए हैं।
शहर की सड़कों, प्रमुख स्थानों व चौराहों पर रखे बिजली के ट्रांसफार्मर व जेनरेटर जहां शहर के यातायात में बाधा बने हैं। उनका शोर लोगों को परेशान कर रहा है। इन्हें हटाने की मांग करते हुए मंडलायुक्त, डीएम, एमडी पश्चिमांचल, एमडीए वीसी तथा नगर आयुक्त के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने 12 दिसंबर 2014 को नगर आयुक्त को आदेश दिया था, लेकिन नगर आयुक्त ने आदेश का पालन नहीं किया। इस मामले में दायर की गई अवमानना याचिका पर जस्टिस राजेश दयाल खरे ने सुनवाई करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी कोर्ट का आदेश मानने के लिए बाध्य है। उन्होंने नगर आयुक्त को दो महीने में कार्रवाई करके कोर्ट में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। यदि फिर ऐसा नहीं होता है तो कोर्ट के पास अवमानना अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। कार्रवाई न होने की दशा में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फिर से न्यायालय में प्रार्थना-पत्र देने का अधिकार दिया है।