शाबास नेहा, हमें तुम पर नाज है
मेरठ: नेहा पर नाज करना चाहिए। यह उस बहादुर बेटी का नाम है जो बीटेक की छात्रा है और बेटियों के लिए प्
मेरठ: नेहा पर नाज करना चाहिए। यह उस बहादुर बेटी का नाम है जो बीटेक की छात्रा है और बेटियों के लिए प्ररेणा। मनचलों के आगे इस बेटी ने नजर नहीं झुकाई, बल्कि कमिश्नर आवास के समीप उसे गिरा-गिरा कर पीटा। पिता के आने पर उनके सामने ही शोहदे का गिरेबान पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। शनिवार को घटनास्थल पर नेहा के साहस और दिलेरी की चर्चा हर जुबान पर थी।
बता दें कि गंगानगर स्थित आइआइएमटी में नेहा शर्मा बीटेक की छात्रा हैं। रहती हैं फूलबाग कालोनी में। पिता देवेंद्र शर्मा डीआइओ (डिस्ट्रिक इंफोरमेशन अधिकारी) हैं। रोजाना की तरह शनिवार को नेहा आटो में सवार होकर गंगानगर से कमिश्नर आवास के लिए आ रही थी। ऑटो में ही इसी कालेज से एमबीए कर रहे अफाक पुत्र अशफाक निवासी इस्लामनगर खतौली ने छेड़छाड़ शुरू कर दी। तभी नेहा ने मोबाइल से छेड़छाड़ का मैसेज पापा को भेज दिया, जब तक आटो कमिश्नर आवास पर पहुंचा तो नेहा के पापा भी वहां पहुंच गए। ऑटो से उतरते ही अफाक ने नेहा का हाथ पकड़ लिया। उसने कालेज की ड्रेस में ही मनचले की पिटाई करनी शुरू कर दी। हालांकि उस समय छात्रा के पापा कुछ दूरी पर थे। पापा के पास आने तक आरोपी का गिरेबान पकड़कर छात्रा पुलिस बूथ तक ले गई, जहां से आरोपी को सिविल लाइन थाने ले जाया गया। वहां पर छात्रा की ओर से दी गई तहरीर पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया है। इतना ही नहीं चेतावनी भी दी कि यदि कालेज में दोबारा से पास आने की कोशिश भी कि तो इसबार हश्र अलग ही होगा। छात्रा की इस दिलेरी को देखकर उसके पापा ही नहीं बल्कि मौजूद पुलिसकर्मी भी हैरत में थे। पुलिसकर्मियों ने भी तत्काल नेहा से सभी कागजातों पर हस्ताक्षर कराने के बाद आरोपी को जेल भेजने की तैयारी कर ली। छात्रा अपने पापा के साथ बाइक पर सवार होकर घर लौट गई।
इन्होंने कहा..
मुझे नेहा पर गर्व है। उसने छेड़छाड़ का मैसेज भेजकर पहले मुझे बताया। उसके बाद आरोपी की जमकर धुनाई करने के बाद पुलिस को सौंप दिया। हम उसे इसकी सजा दिलाकर ही दम लेंगे।
-देवेंद्र शर्मा, छात्रा के पिता
छात्रा की दिलेरी से मनचले को पकड़ा है। हालांकि, वह भी उसी कालेज का छात्र है। हाथ मैं टैटू लगाकर लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करता है। छात्रा के साथ पहली बार ही उसने छेड़छाड़ की कोशिश की।
-रणसिंह, एसएसआइ