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कूड़ेदान में पड़ी दिखी प्रशासनिक इच्छाशक्ति

मेरठ : सफाईकर्मियों की हड़ताल तथा तीन दिन से फैलाए जा रहे कूड़े ने शहर को महामारी के मुहाने पर लाकर खड़

By Edited By: Published: Mon, 20 Apr 2015 02:13 AM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2015 02:13 AM (IST)
कूड़ेदान में पड़ी दिखी प्रशासनिक इच्छाशक्ति

मेरठ : सफाईकर्मियों की हड़ताल तथा तीन दिन से फैलाए जा रहे कूड़े ने शहर को महामारी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। शहर की गली, चौराहे और नाले नालियों में कूड़ा भरा है। हालात महामारी जैसे हैं। शहर के सघन आबादी वाले इलाके में यह खतरा और अधिक है। पूरा मेरठ सड़ांध मार रहा है, लेकिन जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम प्रशासन के अधिकारी वंशी बजाने की मुद्रा में हैं।

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हड़तालियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं और प्रशासन के हाकिम चोर रास्ता तलाश रहे हैं। हालात इस कदर गंभीर हो गए हैं कि पूरा शहर महामारी के कगार पर खड़ा है। लोग परेशान हैं, अधिकारियों से शिकायतें कर रहे हैं, गंदगी फैलाकर ये हालात पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन हो, पुलिस हो या फिर नगर निगम प्रशासन कोई भी इन उत्पाती लोगों के खिलाफ न कार्रवाई की हिम्मत जुटा पा रहा है। सफाई की कोई वैकल्पिक व्यवस्ता तो दूर प्रशासन कूड़ा फेंकने से ही कर्मचारियों को नहीं रोक पा रहा है।

अधिकारियों के इस दब्बूपन ने जहां शहर की जनता को संकट में डाल दिया है वहीं उत्पात मचाने वाले लोगों के दुस्साहस को और अधिक बढ़ा दिया है। बहरहाल जनता कार्रवाई का इंतजार कर रही है और अधिकारी किसी चमत्कार की उम्मीद करते हुए भगवान के भरोसे हैं।

इन्होंने कहा..

सफाईकर्मियों को समझाकर आंदोलन वापस कराने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारी फिर भी नहीं मानेंगे तो आगामी कार्रवाई की जाएगी।

-एसके दुबे, नगर आयुक्त

पहला प्रयास सफाई कर्मियों को वास्तविक हालात से अवगत कराकर उनके हित में फैसला करने का है। अड़चन शासन स्तर से है। सफाई कर्मचारियों ने रविवार को सड़क पर कूड़ा नहीं डाला,शायद उन्हें भी जनता की परेशानी समझ में आ रही है।

-हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

निगम बोर्ड और अधिकारियों ने सफाईकर्मियों की आवाज को पहले सुना ही नहीं। जनता की परेशानी को देखते हुए ही अब चौराहों पर कूड़ा न फैलाने का फैसला किया गया है।

-राजू धवन अध्यंक्ष व कैलाश चंदौला महामंत्री

सफाईकर्मियों को स्पष्ट रूप से कह दिया गया है कि वे मरा हुआ जानवर या कूड़ा शहर में न फैलाएं,यह बर्दाश्त नहीं होगा। सफाईकर्मियों के अड़ियल रुख को देखते हुए ही उन्हें बैठक के लिए बुलाया गया था। उन्होंने भी अब कूड़ा न डालने का भरोसा दिलाया है। सफाईकर्मचारियों की मांगों पर शासन ने भी छुट्टी खत्म होते ही विचार का भरोसा दिया है।

-पंकज यादव, डीएम


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