शहर के नजदीक आई मेट्रो, एग्रीमेंट पर हुए हस्ताक्षर
मेरठ : शहर में मेट्रो रेल का सपना साकार करने की दिशा में शनिवार को एमडीए ने एक कदम और बढ़ गया। योजना
मेरठ : शहर में मेट्रो रेल का सपना साकार करने की दिशा में शनिवार को एमडीए ने एक कदम और बढ़ गया। योजना की डीपीआर बनाने का अनुबंध फाइनल हो गया तथा उस पर एमडीए और राइट्स लिमिटेड कंपनी के अफसरों ने हस्ताक्षर कर दिए। अनुबंध के मुताबिक, आठ माह में कार्ययोजना तैयार हो जाएगी और 2016 के अंत तक निर्माण कार्य शुरू कर लेने का दावा किया जा रहा है।
मेरठ समेत प्रदेश के चार शहरों में मेट्रो रेल चलाई जानी है। इसकी डीपीआर बनाने के लिए गुड़गांव की कंपनी राइट्स लिमिटेड का चयन किया गया है, लेकिन समझौते के अनुसार निर्धारित रकम की पहली किस्त न मिलने के कारण पिछले तीन माह से संशय की स्थिति बनी हुई थी। हाल ही में एमडीए ने राइट्स कंपनी को बतौर मोबलाइजेशन फीस 50 लाख रुपये जारी कर दिए थे। शनिवार को इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण चरण पूरा हुआ। अधिकारियों की मौजूदगी में एमडीए और राइट्स कंपनी के मध्य एमओए (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर हुए।
अगले आठ माह में डीपीआर तैयार कर लेने का दावा किया जा रहा है। इसके साथ ही अब हर माह कमिश्नर द्वारा नामित कमेटी की बैठक राइट्स के अधिकारियों के साथ होगी। कंपनी गु्रप जनरल मैनेजर पीयूष कंसल ने बताया कि डीपीआर तैयार होने के बाद विभिन्न स्तरों से अनुमोदन में कुछ माह लगेंगे। अगले वर्ष के अंत तक निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। परियोजना पूरी होने में कुल चार वर्ष लगने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि डीपीआर के लिए तत्काल प्रभाव से योजनाबद्ध तरीके से ट्रैफिक स्टडी का काम रविवार से ही शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान एमडीए सचिव सौम्य श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता एससी मिश्र के अलावा बैजनाथ, शबीह हैदर, एपी सिंह, एटीपी विवेक भास्कर के साथ राइट्स के ग्रुप जनरल मैनेजर पीयूष कंसल मौजूद रहे।
डीपीआर में ये होंगे काम
- सर्वे प्लान
- ट्रैफिक एवं डिमांड असेसमेंट रिपोर्ट
- जमीन की जरूरत
- ट्रैफिक इंटीग्रेशन
- सिस्टम चयन
- पर्यावरण प्रभाव अध्ययन रिपोर्ट
- इंप्लीमेंटेशन शेड्यूल
- कास्ट इस्टीमेट्स
-अर्थशास्त्रीय एवं वित्तीय विश्लेषण
-इंस्टीट्यूशन अरेंजमेंट
-भूगर्भीय-तकनीकी जांच रिपोर्ट
-यूटिलिटी आइडेंटीफिकेशन
- ड्राइंग
इनका कहना है..
'मेट्रो से शहर की सड़कों से यातायात का दबाव कम होगा। इससे आवागमन सुचारु होगा। एमओए पर हस्ताक्षर के बाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में तेजी आएगी। आठ माह में डीपीआर बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।'
सौम्य श्रीवास्तव, सचिव, एमडीए
इन पर रहेगा फोकस
- मेरठ मेट्रो रेल कारपोरेशन का गठन कैसे होगा? सुझाव देंगे
- मेट्रो के लिए 20 फीसदी पैसा केंद्र तथा 20 फीसदी प्रदेश सरकार देगी। 10 फीसदी पैसा विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों से व्यवस्था होगी। बाकि 50 फीसदी के लिए लोन लेना होगा।
- प्रोजेक्ट को प्रदेश की स्वीकृति के बाद अंत में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय स्वीकृत करेगा।
- 2020 तक शहर में मेट्रो चलाने का रहेगा प्रयास।
- शहर के भीतर मेट्रो तथा गाजियाबाद की कनेक्टिविटी रेपिड रेल से होगी।
- शुरू में 3 डब्बे वाली मेट्रो रेल पर्याप्त रहेगी।
- प्रत्येक एक किमी पर स्टेशन मिले बनाने का है प्रयास।