सराफा बाजार की बंदी से आठ करोड़ का कारोबार प्रभावित
मेरठ: उत्तर प्रदेश सराफा एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को सराफा कारोबारियों ने बंद रखा। मेरठ के साथ
मेरठ: उत्तर प्रदेश सराफा एसोसिएशन के आह्वान पर शुक्रवार को सराफा कारोबारियों ने बंद रखा। मेरठ के साथ ही आसपास के जनपद व उत्तराखंड में भी बंद रहा। एक दिन के बंद से अकेले मेरठ में आठ करोड़ का सराफा कारोबार प्रभावित रहा। वहीं सरकार को भी भारी राजस्व से वंचित होना पड़ा।
एक लाख रुपये से अधिक की खरीद पर पैन कार्ड की अनिवार्यता के विरोध में प्रदेशव्यापी सराफा कारोबार बंद रखने का ऐलान किया गया था। शुक्रवार सुबह से आबूलेन, शहर सर्राफा, नील गली, लाला का बाजार, सेंट्रल मार्केट, बच्चा पार्क, बेगमपुल, सदर आदि क्षेत्रों में सराफा तथा व्यापारी एसोसिएशन की गाड़ियां घूम-घूम कर शोरूम एवं दुकानें बंद कराती रहीं। इसका व्यापक असर भी दिखाई दिया। शहर भर में सराफा कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। नामचीन शोरूम के साथ ही दुकानें भी बंद रहीं।
मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन की मंदिर महादेव सराफा बाजार में बैठक की गयी। अध्यक्ष रवि प्रकाश अग्रवाल व महामंत्री सर्वेश सर्राफ ने बताया कि नई व्यवस्था से सराफा कारोबार चौपट हो जाएगा। सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी पहुंचे और व्यापारियों को आश्वासन दिया। सदर व्यापार संघ के अध्यक्ष राजकुमार भारद्वाज की अगुवाई में बाजार बंद कराया गया।
वहीं सराफा व्यापार एसोसिएशन नील गली के महामंत्री दिनेश रस्तोगी, सोना चांदी व्यापार संघ के अध्यक्ष संत कुमार वर्मा की अगुवाई में बड़ी संख्या में व्यापारियों ने नई नीति का विरोध किया। सांसद को ज्ञापन देते हुए कहा कि केंद्र सरकार का यह नीति किसान, व्यापारी और उपभोक्ता किसी के भी हित की नहीं है। उन्होंने कहा कि इस नीति को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो सराफा व्यापारी सड़कों पर उतरने से भी नहीं हिचकेंगे। सर्वेश सर्राफ ने बताया कि रोजाना 5 से 10 करोड़ के बीच सराफा कारोबार अकेले मेरठ में होता है। करीब 8 करोड़ रुपये का व्यापार शुक्रवार को बंदी के कारण प्रभावित हुआ।