रेल रोक कर वकीलों ने मांगी वेस्ट के लिए बेंच
मेरठ : पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने बुधवार को हुंकार भरी। पूर्व
मेरठ :
पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने बुधवार को हुंकार भरी। पूर्व घोषणा के मुताबिक अधिवक्ताओं ने सिटी रेलवे स्टेशन पहुंच ट्रेन को रोका। इस दौरान अधिवक्ता वलसाड हरिद्वार एक्सप्रेस रेलगाड़ी के इंजन पर चढ़ गए और बेंच के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। एक घंटे तक यह रेल अधिवक्ताओं के कब्जे में रही।
केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र का पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच की मांग को लेकर बुधवार को 12 से दो बजे तक दो घंटे के लिए रेल रोकने का पूर्व नियोजित आहवान था। ऐसे में सुबह से सिटी स्टेशन पर अफसर, फोर्स संग डेरा डाले रहे। वलसाड़-हरिद्वार मेल 12.26 पर प्लेटफार्म नंबर चार पर आ गयी। अधिवक्ता ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए और रेल पटरी पर दरी बिछाकर धरना-प्रदर्शन किया। वहीं पुलिस कुछ देर बाद इन्हें हटाने का प्रयास करने लगी लेकिन वकील दो बजे तक ट्रेन रोके रखने की मांग की। काफी देर बाद अधिवक्ता हटे और 1.20 पर ट्रेन रवाना हुई।
ऐसे प्रभावित हुआ संचालन
वलसाड़-हरिद्वार मेल को 54 मिनट रोका गया। ऐसे में आधा दर्जन ट्रेनें प्रभावित हुई। पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों को यहां-तहां स्टेशनों पर रोका गया। दिल्ली से अंबाला जाने वाली 54505 पैसेंजर ट्रेन को परतापुर पर खड़ा करना पड़ा। इंदौर से अमृतसर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन 19325 को मोहिउद्दीनपुर में ही रोकना पड़ा। वहीं अंबाला से दिल्ली जाने वाली पैसेंजर ट्रेन भी लाइन क्लियर न होने के चलते कैंट स्टेशन पर खड़ी रही। सुपर एक्सप्रेस को भी खड़ा कर दिया गया। सिटी स्टेशन से वलसाड़-हरिद्वार मेल के रवाना होने के बाद ही धीरे-धीरे ट्रेनों को निकाला गया। सिटी स्टेशन अधीक्षक आरपी त्रिपाठी ने बताया कि मेल को अधिवक्ताओं ने 54 मिनट तक रोका, जिसके चलते रेल आवागमन प्रभावित हुआ।
थमे ट्रेन के पहिए तो कराह उठे यात्री
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लुधियाना जाने के लिए सिटी स्टेशन पहुंची वयोवृद्ध निर्मला ने बताया कि दिल्ली-अंबाला पैसेंजर ट्रेन से जाना है, लेकिन वकीलों के ट्रेन रोकने के कारण अंबाला पैसेंजर का पता नहीं चल रहा है कहां है। एक घंटे की देरी से ट्रेन पहुंची।
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छोटे बच्चों संग मुजफ्फरनगर जाने वाली बेबी भी सिटी स्टेशन पर ट्रेन की जानकारी के लिए भटकती रहीं। वकीलों के आंदोलन के कारण ट्रेनें रुकी पड़ी हैं। अगर पहले पता होता तो बस से निकल जाती।
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चंद्रपाल वार्ष्णेय ने बताया कि तीर्थयात्रा पर निकले हैं। अंबाला पैसेंजर से मुजफ्फरनगर फिर शुक्रताल जाना है। सुबह 10.30 बजे से स्टेशन पर हैं पर ट्रेन का पता नहीं।
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जालंधर जाने के लिए अशोक शर्मा भी एक से दूसरे प्लेटफार्म पर भटकते दिखे। उन्होंने कहा कि सुपर एक्सप्रेस से जाना था, लेकिन वकीलों के आंदोलन के चलते गाजियाबाद, मोदीनगर में ट्रेन को बताया जा रहा है। फोटो..12
सुरेंद्र कुमार निवासी नेहरूनगर ने कहा कि दिल्ली में जरूरी काम से जाना है। लेकिन दिल्ली जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को पहले दौराला व फिर कैंट में खड़ा किया गया है।
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व्यवसायी राजकुमार मंगा ने कहा कि रेल रोककर अपनी बात मनवाना अनैतिक है। जिस काम से आमजन को परेशानी हो, उसे कैसे जायज ठहराया जा सकता है।
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पुलिस-वकीलों में नोकझोंक
मेरठ : केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उप्र ने पश्चिमी उप्र में अपनी मांग को लेकर वेस्ट यूपी के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद और अलीगढ़ मंडल के जिला मुख्यालयों पर बुधवार की दोपहर बारह से लेकर दो बजे तक ट्रेनें रोकने का ऐलान किया था। इसी क्रम में समिति के अध्यक्ष डीडी शर्मा व संयोजक अनिल जंगाला के नेतृत्व में अधिवक्ता करीब साढे़ ग्यारह बजे सिटी रेलवे स्टेशन पहुंचे और प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने ऐलान किया कि किसी भी ट्रेन को दो घंटे तक पास नहीं होने दिया जाएगा। इस दौरान परेशान यात्रियों की अधिवक्ताओं से नोकझोंक भी हुई। यात्रियों के विरोध के चलते पुलिस ने अधिवक्ताओं को जबरन रेलवे ट्रैक से हटवाया। इस दौरान पुलिस और वकीलों के बीच बहस भी हुई।
एक बजे पहुंचे एडीएम सिटी
रेलवे स्टेशन पर करीब एक बजे एडीएम सिटी एसके दूबे व एसपी सिटी पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने पुलिस बल को जबरन अधिवक्ताओं को रेलवे टै्रक से हटाने के निर्देश दिए। वहीं, संयोजक अनिल जंगाला को एएसपी जबरन दूसरे टै्रक पर ले गए। इसके बाद ही रेलवे टै्रक खाली हुआ।