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पीएचडी कोर्स वर्क से सुधरेगा शोध का स्तर

मेरठ: उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध का स्तर लगातार गिर रहा है। इसे सुधारने के लिए विश्वविद्यालयों ने

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 09:46 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 09:46 PM (IST)
पीएचडी कोर्स वर्क से सुधरेगा शोध का स्तर

मेरठ: उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध का स्तर लगातार गिर रहा है। इसे सुधारने के लिए विश्वविद्यालयों ने प्री पीएचडी कोर्स शुरू किया है। इससे आने वाले दिनों में शोध की गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद है। यह बात रविवार को मेरठ कालेज के रक्षा अध्ययन विभाग में प्री पीएचडी कोर्स शुरू करने के दौरान वक्ताओं ने कही।

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रक्षा अध्ययन विभाग में कोर्स वर्क शुरू करने के दौरान डा. एमपी वर्मा ने कहा कि मानविकी में यूजीसी की ओर से प्री पीएचडी कोर्स शुरू करना निश्चित तौर पर सार्थक पहल है। क्योंकि मौजूदा समय में शोध के स्तर में भारी गिरावट आई है। इसमें केवल पीएचडी कोर्स वर्क शुरू होने से उम्मीद बनी है कि शोध का का स्तर सुधरेगा। डा. कंचन सिंह ने कहा कि शोध के हर चरण को वैज्ञानिक रूप से व्यवस्थित करना चाहिए। डा. इसराइल मिया ने कहा कि शोध वर्तमान समस्याओं पर आधारित और मौलिक होना चाहिए। प्रो. एसपी गर्ग ने शोध में व्यापक दृष्टिकोण की वकालत की। कोर्स समन्वयक डा. संजय कुमार ने प्री पीएचडी कोर्स में शामिल प्रश्नपत्रों के विषय में बताया। पीएचडी कोर्स वर्क का उद्घाटन विधि संकायाध्यक्ष के प्रो. एसपी गर्ग, डा. केके मित्तल, डा. अंजलि मित्तल, डा.डीएन द्विवेदी, कोर्स समन्वयक डा. एमपी वर्मा आदि उपस्थित रहे।

सीसीएसयू के शोध में ठहराव

मेरठ: चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में एक तरह से शोध में ठहराव है। कुछ साल पहले प्रदेश स्तर पर पीएचडी में प्रवेश के लिए राज्यस्तर पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा हुई थी। करीब साल साल से न तो राज्य स्तर पर संयुक्त प्रवेश परीक्षा हुई और नहीं विवि स्तर पर पीएचडी में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित की गई। इसकी वजह से नए शोधार्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है। चौ. चरण सिंह विवि के कुलपति वीसी गोयल का कहना है कि अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पीएचडी की प्रवेश परीक्षा संयुक्त रूप से आयोजित होगी, या विवि अपने स्तर पर कराएंगे। इस विषय में वह जल्द ही पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करेंगे।

शोधगंगा में सीसीएसयू

देश के सभी विश्वविद्यालयों की ओर से अपने शोध को डिजिटल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। यूजीसी के निर्देश पर सभी विवि शोध को शोधगंगा पर अपलोड कर रहे हैं। अभी तक देश के सभी विश्वविद्यालयों की ओर से 34 हजार 493 पीएचडी थीसिस को अपलोड किया जा चुका है। इसमें सबसे अधिक थीसिस अपलोड करके जवाहर लाल नेहरू विवि पहले स्थान पर है। चौ. चरण सिंह विवि के अभी तक 1771 थीसिस को शोधगंगा पर अपलोड किया है जो प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से काफी आगे है।


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