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ऑनलाइन अटकी एनसीसी कैडेटों की खुराक

मेरठ : एक ओर तो विश्व के सबसे बड़े युवा संगठन नेशनल कैडेट कोर अर्थात एनसीसी से अधिक से अधिक युवाओं को

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2015 02:39 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2015 02:39 AM (IST)
ऑनलाइन अटकी एनसीसी कैडेटों की खुराक

मेरठ : एक ओर तो विश्व के सबसे बड़े युवा संगठन नेशनल कैडेट कोर अर्थात एनसीसी से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़कर देश के लिए बेहतरीन मानव संसाधन तैयार करने की कवायद चल रही है, वहीं दूसरी ओर युवा कैडेटों को प्रशिक्षण परेड के दौरान मिलने वाली खुराक ऑनलाइन व्यवस्था में अटकी पड़ी है। न ही युवाओं को मिलने वाला नाश्ता उनके हलक में पहुंच रहा है और न ही उसके लिए निर्धारित धनराशि ही मिल पा रही है। आलम यह है कि एक नवंबर 2014 से एनसीसी परेड में कैडेटों को भूखे पेट कदमताल करनी पड़ रही है।

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खातों में भेज रहे रुपये

सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक सीधे पहुंचाने के लिए छात्रवृत्ति, सब्सिडी आदि की ही भांति कैडेटों के नाश्ते के लिए मिलने वाली धनराशि सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है। अक्टूबर 2014 तक सभी को धनराशि प्रदान कर एक नवंबर से इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया। इस बाबत कैडेटों के बैंक खातों की जानकारी भी मांगी गई, जबकि हकीकत यह है कि अब भी हजारों कैडेटों के बैंक खाते नहीं खुले। एक नवंबर से परेड में नाश्ता भी बंद और बिना बैंक खाते के कैडेटों को धनराशि भी नहीं मिली।

भूखे पेट कर रहे परेड

दो घंटे की परेड में 40-40 मिनट के तीन पीरियड होते हैं। प्रति कैडेट के हिसाब से एक दिन की परेड में नाश्ते के लिए 15 रुपये निर्धारित हैं। एनसीसी की आ‌र्म्ड बटालियन को छोड़कर अन्य में करीब 1200 से 1400 कैडेट होते हैं। कैडेटों को परेड के दौरान मौके पर नाश्ता प्रदान किया जाता था। अब जिन कैडेटों को रुपये मिल रहे हैं, वे भी परेड के दौरान व उसके बाद जरूरी आहार नहीं ले पा रहें हैं। जिन्हें नाश्ते के रुपये नहीं मिले, उन्हें भी नाश्ता नहीं मिल रहा।

चोरी बंद करने को यह व्यवस्था!

आवंटित धनराशि का पूरा लाभ कैडेटों को न मिलने की शिकायतें मुख्यालय पहुंच रही थीं। कैडेटों के लिए आवंटित 15 रुपयों में से तकरीबन 10 रुपये तक का लाभ उन्हें मिलता था। वहीं एनसीसी प्रशिक्षकों का मानना है कि कैडेटों के लिए परेड में भी पौष्टिक आहार जरूरी होता है। एक साथ सभी का नाश्ता तैयार करने से कम खर्च में ही पूरी खुराक बन जाती थी और बचे रुपयों से यूनिट के लिए ही कुछ जरूरी सामान खरीद लिया जाता था।

मेरठ ग्रुप मुख्यालय में 11 बटालियन

-70 यूपी एनसीसी बटालियन

-75 यूपी एनसीसी बटालियन

-72 यूपी एनसीसी बटालियन

-22 यूपी एनसीसी ग‌र्ल्स बटालियन

-03 यूपी आर्टी बैट्री बटालियन मेरठ

-02 यूपी आ‌र्म्ड स्क्वाड्रन बटालियन मेरठ

-73 यूपी एनसीसी बटालियन मवाना

-82 यूपी एनसीसी बटालियन मुजफ्फरनगर

-83 यूपी एनसीसी बटालियन सहारनपुर

-86 यूपी एनसीसी बटालियन सहारनपुर

-26 यूपी एनसीसी ग‌र्ल्स बटालियन सहारनपुर।

--इन्होंने कहा..

इस व्यवस्था से उन कालेजों को झटका मिला है, जहां महज कागजों पर ही परेड कराई जा रही थी। लेकिन परेड के बाद तुरंत बच्चों को रुपये मिलने से ही उन्हें इसका लाभ मिलेगा, अन्यथा देर होने पर कैडेटों को दिक्कत होती है।

-लेफ्टिनेंट (डा.) अवधेश कुमार, कंपनी कमांडर, 70 यूपी बटालियन एनसीसी, मेरठ कालेज।


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