भूमि के चिन्हीकरण के लिए पहुंची एमडीए की टीम का विरोध
मेरठ: पल्लवपुरम फेज टू हाई वे किनारे स्थित भूमि के चिन्हीकरण के लिए पहुंची एमडीए की टीम का बुधवार को
मेरठ: पल्लवपुरम फेज टू हाई वे किनारे स्थित भूमि के चिन्हीकरण के लिए पहुंची एमडीए की टीम का बुधवार को विरोध का सामना करना पड़ा। हंगामे के चलते टीम बिना पैमाइश लौट गई।
पेट्रोल पंप से सटी खसरा नंबर 313 की भूमि पर लंबे अरसे से विवाद चल रहा है। एमडीए ने उक्त खसरे की 15 सौ वर्ग मीटर भू भाग बिल्डर मेट्रो बिल्डर को आवंटित कर दिया है। लेकिन पेट्रोल पंप के मालिक इस भूमि पर अपना दावा कर रहे हैं। बुधवार को एसडीएम बंदी के आदेश के पर चिन्हीकरण और बिल्डर को आवंटित भूमि की पैमाइश के लिए तहसील और एमडीए की टीम मौके पर पहुंची। पटवारी सदावृक्ष और बलवीर ने जैसे चिन्हीकरण का कार्य शुरू किया पेट्रोल पंप के मलिक पुरुषोत्तम दयाल गौड़ और सुरेंद्र गौड़ ने विरोध किया। उनका कहना है कि एमडीए पूर्व में ही इस भूमि को अर्जन मुक्त घोषित कर चुका है। मौके पर पहुंचे एमडीए के कर्मचारियों से पेट्रोल पंप के संचालकों से बहस भी हुई। पुरुषोत्तम ने बताया कि एमडीए ने पेट्रोल पंप और उससे सटी 4946 वर्गमीटर भूमि अर्जन मुक्त घोषित कर दी थी। हाइवे पर सड़क निर्माण के लिए 16 सौ वर्गमीटर भूमि ली गई थी जिसके बदले में 773.50 भूमि एमडीए ने दी है। उन्होंने कहा कि अब एमडीए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहा है।
विधायक का पीए भी पहुंचा
चिन्हीकरण के दौरान जब एमडीए और पुरुषोत्तम के बीच बहस हो रही थी। उसी समय एक व्यक्ति ने कहा कि कहा जानते नहीं हो मैं विधायक का पीए हूं। काफी देर तक कहासुनी होती रही बाद में एमडीए की टीम वापस लौट गई। वहीं मेट्रो बिल्डर्स के मनोज राणा और ओमपाल ने कहा कि उन्होंने एमडीए से भूमि आवंटित हुई है उस पर कब्जे के लिए उन्होंने आवेदन किया था।