गिर रहीं मजहबी दीवारें, अकीदतमंद बना रहे होलिका
मेरठ : सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश देने वाले होलिका के पर्व की तैयारियां बुधवार को चरम प
मेरठ : सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश देने वाले होलिका के पर्व की तैयारियां बुधवार को चरम पर जा पहुंची। लकड़ी और होलिका के पुतलों के साथ ही समान की जमकर खरीदारी हुई। वहीं इस बार भी पर्व पर मजहबी दीवारें भरभराकर गिरती दिखीं। अनेक मुस्लिम परिवार होलिका के पुतलों को आकार दे रहे हैं।
इस बार बाजारों में मौजूद होलिका और भक्त प्रह्लाद के पुतलों की रिकार्ड बिक्री हुई। तेजगढ़ी चौराहे पर स्थित पुतला विक्रेता नईमुद्द्ीन के मुताबिक दो दिनों में उनके 400 से ज्यादा पुतले बिक चुके हैं। जबकि हापुड़ रोड़ के पुतला विक्रेता फैज आलम के मुताबिक उसकी दुकान पर मंगलवार को केवल 3 पुतले ही बेचे गए थे। बुधवार की दोपहर तक 36 से ज्यादा पुतले बेचे जा चुके हैं। सदर बाजार में पुतले बेच रहे राजू ने बताया कि उसने कुल 74 पुतले बनाए थे जिनमें से पिछले दो दिनों में 26 पुतले बिक चुके हैं।
तीरगरान निवासी जुबैद आलम अपनी पत्नी रुख्साना, बेटे हामिद, आसिफ, दिलावर संग पिछले चार दिन में 450 पुतले बना चुके हैं। इन्दिरा चौक पर पुतले बेचने की फड़ लगाकर उन्होंने बुधवार दोपहर साढ़े तीन सौ से अधिक पुतले बेचे। वहीं यहीं के नसीर, वहाब, मो. चांद आदि भी परिवार संग पुतले बनाने के काम में लगे हैं। मछेरान के हाफिज अकरम, अफीफुल्ला, आरिफ आदि पुतले बनाकर बच्चा पार्क पर बेच रहे हैं।
इन लोगों ने बताया कि सावन में कांवड़ और होली के दौरान होलिका के पुतले बनाते हैं। पुतला विक्रेताओं की माने तो पिछले साल की तुलना में इस बार दोगुने से भी ज्यादा पुतले बेचे जा चुके हैं। इसका मुख्य कारण युवाओं में होलिका के पुतलों का बढ़ता क्रेज माना जा रहा है।